हरियाणा दिवस पर दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में विशेष सभा का आयोजन
भिवानी।
भिवानी में आज हरियाणा दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक विशेष प्रातःकालीन सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को हरियाणा की समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और पारंपरिक जीवन शैली से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रदेश की संस्कृति के प्रति सम्मान एवं गर्व की भावना उत्पन्न करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत हरियाणवी लोकगीतों की धुन के बीच सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने हरियाणा दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना। तभी से प्रत्येक वर्ष इस तिथि को हरियाणा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि हरियाणा देश की कृषि, खेल एवं सेना में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है।
इस अवसर पर कक्षा 10 के एक छात्र ने हरियाणा की प्रसिद्ध लोककला रागनी का सजीव और सशक्त पाठ किया, जिसमें हरियाणवी मिट्टी की खुशबू और लोक जीवन की झलक स्पष्ट दिखाई दी। रागनी की ताल पर सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थी और शिक्षक मंत्रमुग्ध हो उठे।
इसी क्रम में विद्यालय की प्रतिभाशाली छात्राओं द्वारा हरियाणवी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। रंग-बिरंगे परिधानों और जोशीली धुन पर प्रस्तुत इस नृत्य ने हरियाणा की जीवंत संस्कृति और लोक परंपराओं का शानदार प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन को सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की प्राचार्या डॉ. निर्मला नीतू ने सभी को हरियाणा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा अपने परिश्रमी किसानों, वीर सैनिकों, महान खिलाड़ियों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
हमें गर्व है कि हम ऐसे प्रदेश के निवासी हैं, जिसका इतिहास और परंपराएँ भविष्य में भी हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे प्रदेश की संस्कृति को जानें, अपनाएँ और उसकी गरिमा को बनाए रखें।
अंत में कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस तरह दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, भिवानी में हरियाणा दिवस का यह समारोह विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ, जिसने उनमें प्रदेश के प्रति प्रेम, गर्व और सामाजिक दायित्व की भावना को और अधिक मजबूत किया।

