अस्थाई शेल्टर होम में होगी आवारा कुत्तों की नसबंदी
भिवानी।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरु कर दी गई है। डीसी साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में नगर परिषद प्रशासन द्वारा कार्ययोजना का अमलीजाम पहनाया जा रहा है, जो 15 दिसंबर के बाद मूर्तरूप होती नजर आएगी।
नगर परिषद द्वारा अस्थाई शेल्टर होम तैयार करवाया रहा है। भिवानी शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकडऩे, नसबंदी करने व रेबीज फ्री टीकाकरण के बाद उनको वापिस उसी जगह छोडऩे के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। जल्द ही बवानीखेड़ा, सिवानी और लोहारू शहरी क्षेत्र के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि आवारा कुत्तों द्वारा विशेष कर छोटे बच्चों को काटे जाने के भय के चलते हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और रेबीज फ्री आदि को लेकर आदेश दिया था।
इसी के चलते भिवानी शहर में आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नगर परिषद द्वारा कार्रवाई शुरु कर दी गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला नगर आयुक्त गुलजार मलिक ने बताया कि डीसी श्री गुप्ता के मार्गदर्शन में उचित जगह पर अस्थाई शेल्टर होम स्थापित किया जा रहा है, जहां पर आवारा कुत्तों को वहां ले जाया जाएगा और वहां पर उनकी नसबंदी व रेबीज फ्री टीकाकरण के बाद वापिस उनको उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां से उनको उठाया गया।
- संस्थानों को करना होगा विशेष प्रबंध
कार्य योजना के अनुसार शहर में सभी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, विश्वविद्यालय आदि शिक्षण संस्थान, स्टेडियम आदि मुख्य संस्थान इस दायरे में आते हैं।
डीसी साहिल गुप्ता ने संबंधित संस्थाओं को अपने परिसर के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने संस्थानों में ये प्रबंध करें कि उनमें आवारा कुत्ते ना जाएं, यानि संस्थान परिसरों में आवारा कुत्तों का प्रवेश न हो और नसबंदी के बाद वहां पर आवारा कुत्तों की संख्या ना बढ़े। इसके लिए संस्थान जिम्मेदार होगा।
नगर परिषद प्रशासन द्वारा टेंडर छोड़ा जा चुका है
आवारा कुत्तों को पकडऩे, उनको अस्थाई शेल्टर होम तक पहुंचाने और उनका टीकाकरण करने के बाद वापिस उसी जगह पर छोडऩे के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा टेंडर वर्क जारी कर दिया गया है।
पूरी कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि नसबंदी और रेबीज फ्री टीकाकरण का काम एजेंसी करेगी, लेकिन यह कार्य पशुपालन विभाग की देखरेख में होगा।

