भिवानी में 251 दिनों से जारी है अढ़ाई कोसी परिक्रमा, छोटी काशी में भक्ति का सैलाब
भिवानी:
धर्मनगरी भिवानी, जिसे श्रद्धा और विश्वास के संगम के कारण छोटी काशी के नाम से जाना जाता है, इन दिनों पूरी तरह से राममय और कृष्णमय हो चुकी है। वृंदावन, मथुरा और बरसाना की तर्ज पर शुरू की गई अढ़ाई कोसी परिक्रमा ने वीरवार को सफलतापूर्वक अपने 251 दिन पूरे कर लिए।
हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम और युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित यह यात्रा ना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गई है, बल्कि शहर की प्राचीन विरासत को भी पुनर्जीवित कर रही है।
बालयोगी महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में निकलने वाली यह परिक्रमा भिवानी के उन 12 ऐतिहासिक दरवाजों से होकर गुजरती है, जो सदियों से इस शहर की सुरक्षा और वास्तुकला के साक्षी रहे हैं। वीरवार सुबह जब प्रभु श्रीराम और हनुमान जी के जयकारों के साथ यात्रा शुरू हुई तो पूरा शहर भक्ति के रंग में सराबोर नजर आया।
श्रद्धालु प्राचीन मंदिरों में शीश नवाकर क्षेत्र की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं। परिक्रमा के 251वें दिन के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा कि भिवानी की यह अढ़ाई कोसी परिक्रमा केवल एक पदयात्रा नहीं, बल्कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत से जुडऩे का एक माध्यम है।
जिस प्रकार ब्रज में कोसी परिक्रमा का महत्व है, उसी प्रकार छोटी काशी के इन प्राचीन मंदिरों और द्वारों की परिक्रमा करने से सात्विक ऊर्जा का संचार होता है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाली पीढ़ी अपनी जड़ों और इन ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को समझे।
उन्होंने बताया कि नव वर्ष के अवसर पर प्रात: 8 बजे एक विशाल परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा, जिसके माध्यम से पूरी आध्यात्मिक नगरी भिवानी को नमन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रकाश (पपपू) गर्ग, अधिवक्ता घनश्याम शर्मा, जयपाल परमार, मैनेजर धर्मवीर दहिया, सुनिल गर्ग, विजय सिंघानिया, रामानंद शर्मा, विशाल सैनी, कांता गर्ग, पंकज कृष्णा, दनवंती देवी, सोनिया खुंडिया, चंचल वर्मा सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे

