भविष्य अधर में! सोशल वर्क विभाग के छात्रों ने कुलसचिव से लगाई गुहार
भिवानी।
चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के सोशल वर्क के विद्यार्थियों ने छात्र नेता सुमित बराड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की कुलसचिव से भेंट की और मांग रखी कि सोशल वर्क कोर्स को डिप्लोमा से पुनः डिग्री पाठ्यक्रम में परिवर्तित किया जाए। छात्रों ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपकर डिप्लोमा की सीमाओं और डिग्री की आवश्यकताओं पर जोर दिया।
छात्रों का कहना था कि वर्तमान में यह कोर्स केवल डिप्लोमा स्वरूप में होने के कारण इसकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता सीमित है।
डिप्लोमा धारक छात्र उच्च शिक्षा जैसे की एम.फिल. और पीएच.डी. में सीधे प्रवेश नहीं पा सकते। इससे उनकी शैक्षणिक प्रगति और कैरियर की संभावनाएँ दोनों प्रभावित होती हैं।
इसके अतिरिक्त, अनेक सरकारी और निजी नौकरियों में न्यूनतम योग्यता डिग्री निर्धारित है, जिससे डिप्लोमा धारक अवसरों से वंचित रह जाते हैं।
इस अवसर पर छात्र नेता सुमित बराड़ ने कहा कि सोशल वर्क जैसे विषय में केवल डिप्लोमा पर्याप्त नहीं है। समाज की जटिल समस्याओं — गरीबी, असमानता, नशा-निवारण, महिला व बाल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य पर गहराई से काम करने के लिए उन्नत अध्ययन और शोध की आवश्यकता होती है, जो केवल डिग्री और आगे मास्टर स्तर पर ही संभव है। सोशल वर्क एक ऐसा विषय है जो सीधे समाज की जड़ों से जुड़ा है।
विश्वविद्यालय को केवल डिप्लोमा देकर भविष्य के समाज कार्यकर्ताओं को रोका नहीं जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि हमें डिग्री मिले ताकि हम आगे मास्टर डिग्री और शोध कर सकें और समाज की समस्याओं का समाधान निकालने में अहम योगदान दे सकें।
वहीं छात्र नेता प्रवीन बुरा ने कहा कि आज जब देश और प्रदेश को प्रशिक्षित सोशल वर्क प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है, तब छात्रों को डिप्लोमा तक सीमित करना नाइंसाफी है।
हमें बराबर अवसर मिलें, ताकि हम सरकारी योजनाओं, एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में जाकर काम कर सकें। डिग्री मिलने से हमारे लिए उच्च शिक्षा और रोजगार दोनों के दरवाजे खुलेंगे।
कुलसचिव महोदया ने विद्यार्थियों की समस्याओं को संवेदनशीलता से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस विषय पर गंभीरता से काम करेगा।
उन्होंने कहा कि एमएसडब्ल्यू (MSW) पाठ्यक्रम को दोबारा शुरू करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। इस अवसर पर रवि जताई, अजय, नवीन कौशिक, परवीन गोलगढ़, पंकज, गुरदीप, युवराज बराड़, वसुधा, शालू, अंतिम और नैंसी मौजूद रहे।

