शिक्षा व ज्ञान प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य समाज एवं राष्ट्र उत्थान : प्रो दीप्ति धर्माणी

 
शिक्षा व ज्ञान प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य समाज एवं राष्ट्र उत्थान : प्रो दीप्ति धर्माणी

भिवानी :

 चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सौजन्य से नूतन विद्यार्थियों के लिए प्रेरण एवं विस्तृत व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो दीप्ति धर्माणी की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीडीएलयू सिरसा के पूर्व कुलपति प्रो. विजय कायत ने शिरकत की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर दीप्ति धर्माणी ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों का ही भाग्य एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं ज्ञान प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य समाज एवं राष्ट्र उत्थान है।

शिक्षा व ज्ञान ऐसा हो जो व्यावहारिक तथा सबके लिए कल्याणकारी हो। उन्होंने गीता के श्लोकों के उदाहरण से विद्यार्थियों को कर्म करने तथा फल की चिंता नहीं करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कड़ी मेहनत लग्न एवं निष्ठा से अध्ययन पर अपना पूर्ण ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
 बतौर मुख्य अतिथि प्रो. विजय कायत ने कहा कि भारत का संविधान सामाजिक बदलाव एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता को सुनिश्चित करता है ।

शिक्षा में भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों का होना आवश्यक है। उन्होंने उच्च शिक्षा में नवाचारों को समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने शिक्षा में सुधार के लिए डॉ. राधाकृष्णन आयोग, कोठारी कमीशन,कस्तूरीरंगन समिति पर विस्तृत जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा के इतिहास पर प्रकाश डाला।
 डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ सुरेश मलिक ने सभी अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ स्नेहलता शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ रविप्रकाश,प्रो अमर सिंह,डॉ अर्जुन ,डॉ समुंदर हुड्डा ,डॉ अन्नू, डॉ दीपक कुमारी सहित सैंकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।