आरक्षित वर्गों के पदों का खाली रहना संविधान की भावना के खिलाफ
सिरसा।
सिरसा-ऐलनाबाद-हनुमानगढ़ मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस मार्ग के लिए फिजिबिलिटी स्टडी और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में कुमारी सैलजा ने कहा कि यह मार्ग हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाला अत्यंत महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है। इसके राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से क्षेत्र की कृषि, लॉजिस्टिक्स, व्यापारिक गतिविधियों और औद्योगिक विकास को बड़ा लाभ मिलेगा।
वर्तमान में सड़क संकरी होने के कारण आवागमन में परेशानी होती है, जिससे किसानों और व्यापारियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सांसद ने उल्लेख किया कि सिरसा, ऐलनाबाद और हनुमानगढ़ क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि आधारित हैं, जहां कपास, गेहूं, सरसों जैसी फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
बेहतर सड़क सुविधा न होने से किसानों को अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में अधिक समय और लागत लगती है। राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से न केवल परिवहन सुगम होगा बल्कि कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सांसद कुमारी सैलजा ने यह भी बताया कि यह मार्ग प्रस्तावित बीकानेर-चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और भारतमाला परियोजना से जुड़ सकता है, जिससे उत्तर भारत के औद्योगिक और सीमावर्ती क्षेत्रों को नई गति मिलेगी। साथ ही यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ क्षेत्र है।
सांसद ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग के लिए शीघ्र फिजिबिलिटी स्टडी एवं डीपीआर तैयार कराई जाए, ताकि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किया जा सके। क्षेत्र के लोगों ने कुमारी सैलजा के इस प्रयास का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि जल्द ही यह मांग पूरी होगी और इलाके के विकास को नई दिशा मिलेगी।
आरक्षित वर्गों के पदों का खाली रहना संविधान की भावना के खिलाफ
कुमारी सैलजा ने शिक्षक भर्ती संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग की मौजूदा चयन प्रक्रिया राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रही है। 35 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता के कारण हजारों योग्य अभ्यर्थी, जिनके पास पीएचडी, नेट और वर्षों का अनुभव है, चयन से बाहर हो रहे हैं।
इसका सबसे ज्यादा नुकसान सिरसा जैसे शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को हो रहा है, जहां पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है। सांसद ने कहा कि आरक्षित वर्गों के पदों का खाली रहना संविधान की भावना के खिलाफ है। सरकार यदि वास्तव में शिक्षा सुधार चाहती है तो उसे नॉट फाउंड सूटेबल जैसी अव्यावहारिक नीति को तुरंत समाप्त करना होगा। सभी पदों को भरना, योग्य अभ्यर्थियों को अवसर देना और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो कांग्रेस इस मुद्दे को सडक़ से सदन तक मजबूती से उठाएगी।

