चंडीगढ़ में महिला टीचर डिजिटल अरेस्ट

चंडीगढ़ ।
चंडीगढ़ में सरकारी स्कूल टीचर को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 57.16 लाख रुपए ठग लिए गए। फर्जी मुंबई पुलिस और सीबीआई अफसर बनकर ठगों ने उसे नशीले पदार्थों की तस्करी में नाम आने की बात कही। 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया। महिला ने लोन, रिश्तेदारों और दोस्तों से रुपए लेकर ठगों को दिए।
जब टीचर को पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई, तो उसने इसकी शिकायत चंडीगढ़ साइबर सेल थाना पुलिस सेक्टर 17 में दी। पुलिस ने मामले में बुधवार को एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पहले कूरियर कंपनी कर्मचारी बनकर की पहली कॉल पीड़ित महिला शेल्यादीप चंडीगढ़ सेक्टर 18 की रहने वाली है और सरकारी स्कूल टीचर है। शेल्यादीप ने पुलिस को शिकायत दी कि 16 जनवरी 2024 को उसे राहुल शर्मा नाम के व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को डीएचएल इंटरनेशनल कूरियर सर्विस का कर्मचारी बताया। उस व्यक्ति ने कहा कि आपके नाम से एक संदिग्ध पार्सल भेजा गया है, जिसमें पांच पासपोर्ट, छह क्रेडिट कार्ड, 3.5 किलोग्राम नशीले पदार्थ और 400 ग्राम एमडीएमए बरामद हुआ है। इसके बाद कॉल को एक अन्य व्यक्ति वाइरोय कुमार से जोड़ दिया गया, जिसने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और महिला को धमकाने की कोशिश की।
ठग बोला- CBI अधिकारी बोल रहा हूं ठगों ने शेल्यादीप को एक अन्य व्यक्ति राकेश कुमार से बात करवाई, जिसने सबसे पहले उसकी पारिवारिक जानकारी ली और फिर आरोप लगाया कि महिला नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है। ठगों ने यह भी कहा कि एक नरेश गोयल नामक व्यक्ति से उसने कथित रूप से 2.5 करोड़ की रिश्वत ली है।
जब महिला ने इस तरह की किसी भी संलिप्तता से इनकार किया तो उसकी बात किसी और व्यक्ति से करवाई। उस व्यक्ति ने खुद को अनिकेत, सीबीआई अधिकारी बताया और उसे धमकाना शुरू कर दिया कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेगी, तो उसे आजीवन कारावास हो सकता है।
ठगों ने किया वॉट्सऐप चैट और स्काइप कॉल का यूज ठगों ने शेल्यादीप को डराकर उसकी बैंक डिटेल्स हासिल कर ली और फिर उसे सभी खातों में मौजूद पैसे निकालने के लिए मजबूर किया। महिला के पास ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा नहीं थी, इसलिए उसे अलग-अलग बैंकों से लोन लेने के लिए दबाव डाला गया। ठगों ने महिला को वॉट्सऐप चैट, स्काइप कॉल और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से निर्देश दिए थे। महिला ने लोन और रिश्तेदारों से उधार लिए रुपये पुलिस के मुताबिक महिला को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। 16 जनवरी को पहली बार कॉल आई, जिसका सिलसिला 18 जनवरी तक चला। उसे इतना डरा दिया गया कि वह अब तक सहमी हुई है। पुलिस को महिला ने बताया कि उसने ठगों को रुपये देने के लिए बैंक से लोन लिया। कुछ रुपये रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लिए। इस तरह उससे करीब 57.16 लाख ठग लिए गए। रुपए देने के बाद महिला ने उन्हें कॉल बैक की तो उनके नंबर बंद आने लगे। इसके बाद टीचर को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ।