वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामला: प्रदीप नरवाल ने की निष्पक्ष जांच व डीजीपी गिरफ्तारी की मांग
भिवानी :
हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरन कुमार की हाल ही में हुई आत्महत्या के मामले ने हरियाणा के पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है।
इस घटना के बाद एडीजीपी कुमार के 9 पन्नों के कथित सुसाइड नोट में हरियाणा के मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित 15 सेवारत और पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगने से मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
इस बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इस पूरे मामले में उच्च-स्तरीय हस्तक्षेप की मांग की है। नरवाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एडीजीपी वाई पूरन कुमार की मृत्यु की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाने व उनकी आत्महत्या नोट में नामित किए गए डीजीपी शत्रुजीत कपूर की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
उन्होंने चिंता व्यक्त की कि उनकी असामयिक और दु:खद मृत्यु गंभीर प्रश्न खड़े करती है और अनुसूचित समाज तथा हरियाणा की जनता में व्यापक शोक और असंतोष फैला है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि ऐसी घटनाएं ना केवल प्रशासन में जनता के विश्वास को हिलाती हैं, बल्कि ईमानदार अधिकारियों के मनोबल को भी गिराती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि दिवंगत अधिकारी के परिवार को पूरी सुरक्षा, पर्याप्त आर्थिक सहायता और सच्चाई की जीत हो सके।
उन्होंने कहा कि यह मामला हरियाणा के पुलिस और प्रशासनिक ढांचे में आंतरिक कलह और कथित उत्पीडऩ के आरोपों को उजागर करता है, जिस पर अब राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर गहन जांच जरूरी है। बता दे कि एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर अपनी सर्विस गन से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
उनके सुसाइड नोट में अधिकारियों पर जाति-आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, मानसिक उत्पीडऩ और अत्याचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके कारण उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया।

