कोविड मामलों में कमी आने के बाद अब शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बनाई जाए- मनोहर लाल

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नई शिक्षा नीति की सिफारिशों पर हरियाणा में पहले से ही हो रहा है कार्य

मुख्यमंत्री ने एनईपी के कार्यान्वयन के संबंध में की उच्च स्तरीय बैठक

स्कूल छोड़ने वालों का शत-प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

कोविड मामलों में कमी आने के बाद अब शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बनाई जाए- मनोहर लाल

चंडीगढ़, 8 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ सशक्त बनाने के राज्य सरकार के विजन के अनुरूप हरियाणा वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा में एनईपी के कार्यान्वयन के संबंध में संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी बैठक में मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों, शिक्षाविदों और हितधारकों के साथ-साथ बच्चों को भी इस एनईपी के लाभों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए ताकि बच्चे अपनी पसंद व इच्छानुसार पाठ्यक्रम चुन सकें और करियर में आगे बढ़ सकें।
उन्होंने कहा कि एनईपी की घोषणा के बाद से ही शिक्षकों व हितधारकों के बीच व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रत्येक बच्चे, जो इस नीति के वास्तविक लाभार्थी हैं, उन्हें जागरूक करना समय की मांग है।
बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को वर्ष 2025 तक एनईपी के सफल कार्यान्वयन के लिए बनाई गई रूपरेखा से अवगत कराया। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि एनईपी की सिफारिशों पर हरियाणा में पहले से ही कार्य हो रहा है और यहां तक कि हरियाणा द्वारा की गई सिफारिशों को भी एनईपी में शामिल किया गया है।

स्कूल छोड़ने वालों का शत-प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का शत-प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करना शिक्षा विभाग का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ विद्यार्थियों को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित प्रयास किए जाने चाहिए कि हर स्कूल छोड़ने वाले बच्चे को शिक्षा हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि स्कूल छोड़ने वालों का रियल टाइम डाटा तैयार किया जाए ताकि ऐसे हर बच्चे का स्कूलों में दाखिला दिलवाया जा सके।

स्कूलों को जल्द से जल्द खोलना सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री ने स्कूलों को फिर से खोलने के विषय के संबंध में कहा कि कोविड-19 मामलों की संख्या में गिरावट को देखते हुए स्कूलों व कॉलेजों को जल्द से जल्द दोबारा खोलने की योजना बनाई जाए। वर्तमान में हरियाणा में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय कोरोना की दूसरी लहर के कारण बंद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

प्रत्येक जिले में विदेशी भाषा सिखाने वाले एक स्कूल को खोलने की संभावना तलाशें

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में विदेशी भाषा सिखाने वाले एक स्कूल को खोलने की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए और समय के अनुसार व मांग के अनुरूप इन स्कूलों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्कूलों में आवासीय सुविधा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इन स्कूलों के लिए क्लस्टर प्लान बनाया जाए।

1000 प्लेवे स्कूलों में जल्द शुरू होगा दाखिला
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उनके द्वारा घोषित 4000 प्लेवे स्मार्ट स्कूलों में से लगभग 1000 स्कूल बन कर तैयार हैं, जैसे ही शैक्षणिक संस्थान दोबारा खुलेंगे वैसे ही इन प्लेवे स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बैठक में यह भी बताया गया कि शेष 3000 स्कूल खोलने का लक्ष्य भी इसी वर्ष तक प्राप्त कर लिया जायेगा।

हरियाणा अधिक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा की ओर बढ़ रहा है

मुख्यमंत्री ने बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि एनईपी के सफल कार्यान्वयन के लिए तैयार किए गए रोडमैप के अनुसार हरियाणा ने पहले से ही अधिक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा दृष्टिकोण अपनाया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों ने राज्य में वर्ष 2025 तक एनईपी के कार्यान्वयन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अल्पकालिक, मध्यावधि और दीर्घकालिक रणनीति बनाई है, जबकि देशभर में इस नीति के कार्यान्वयन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक है।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, उच्चतर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, उच्चतर शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभागों के महानिदेशक विजय सिंह दहिया, निदेशक माध्यमिक शिक्षा जे. गणेशन और महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक सुश्री हेमा शर्मा मौजूद रहीं।