पानीपत।
जंतर-मंतर पर रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद पहलवान सोमवार को दिल्ली से रवाना हो गए। पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा।
डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुमन नालवा ने कहा- अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे। दरअसल, रविवार को झड़प के बाद रेसलर साक्षी ने कहा था कि अब जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करेंगे।
रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।
रिटायर्ड IPS डॉ. एनसी अस्थाना ने ट्ववीट कर लिखा- ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमार्टम टेबल पर!
बजरंग पूनिया ने अस्थाना को जवाब दिया- ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने… कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पे खाएंगे तेरी गोली। यही बाकी रह गया है अब हमारे साथ करना, तो यो भी सही।
विनेश फोगाट ने सोमवार को कहा, “दिल्ली से पहलवान सामान लेकर वापस जा रहे थे तो पुलिस पीछे लग गई। पुलिस ने बताया कि पहलवानों को सिक्योरिटी देनी है। मैंने उनसे पूछा कि हमें रविवार शाम 7:30 बजे थाने से छोड़ा गया था, उसके बाद से ये PSO कहां थे। पीछा करने की क्या जरूरत है। क्या हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो? हो सकता है कि पुलिस के भेष में ये बृजभूषण ने ही भेजे हों। सभी के पास हथियार थे। हो सकता है कि हमारा एनकाउंटर कर दिया जाए।”
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