राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले के पैंतालिसा क्षेत्र में दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करने की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में गांव हंजीरा के सेवानिवृत्त मैनेजर हनुमान सुथार के बेटे विकास ओएनजीसी में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की शादी जोधपुर राजस्थान निवासी नवनीत की पुत्री गरिमा के साथ धूमधाम से संपन्न हुई।
शादी में सभी परंपरागत रस्में अदा की गई। विदाई के समय वर के पिता हनुमान ने शगुन के रूप में मात्र 1 रुपया और नारियल यह कहकर स्वीकार किया कि दुल्हन ही दहेज है।
इस अवसर पर हनुमान सुथार ने कहा कि वह हमेशा से ही समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ रहे हैं और दहेज प्रथा तो बिल्कुल ही बंद करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि समाज के अन्य लोगों को भी सबक लेकर दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करना चाहिए।
गरिमा के पिता नवनीत ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी गरिमा की शादी धूमधाम से संपन्न की है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी गरिमा माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर रही है।
उनका कहना है कि वह बहुत खुश हैं कि उनकी पुत्री को ऐसा परिवार मिला, जो दहेज के लोभी नहीं है और वह अन्य लोगों से अपील करते हैं कि अपनी बेटी को दहेज देने की बजाय शिक्षित कर अपना फर्ज निभाना चाहिए और समाज में फैली कुरीतियों खत्म करने में योगदान देना चाहिए।
गौरतलब है कि विकास ओएनजीसी में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं और उनके पिता हनुमान सुथार ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से मैनेजर के पद से सेवानिवृत हुए हैं।
गरिमा माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी की पढ़ाई कर रही है। इस अवसर पर रामचन्द्र सुथार, अशोक कुमार, डा. औम प्रकाश, महेंद्र सिंह सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों ने सराहना की।