हरियाणा की 5000 बहनें बनेंगी ड्रोन पायलट-मुख्यमंत्री मनोहर लाल

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करनाल।

हरियाणा के करनाल में आज नारी शक्ति वंदन अभियान के तहत लखपति दीदी महासम्मेलन का आयोजन नई अनाज मंडी में किया। जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिरकत करने पहुंचे। जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता से नारी शक्ति वंदन के तहत हजारों महिलाओं को संबोधित किया। पीएम का संबोधन सुनने के लिए पानीपत और करनाल की महिलाएं ही पहुंची। इसके अलावा हरियाणा में यह कार्यक्रम 132 जगहों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चलाया गया। इस दौरान CM मनोहर लाल ने करनाल की धरती से हरियाणा की महिलाओं को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 132 स्थान पर लखपति दीदी सम्मेलन हो रहा है। इस कार्यक्रम को हरियाणा में जगह-जगह देखा जा रहा है। आज का दिन सौभाग्यशाली है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने मन में एक योजना और कल्पना रखी कि देश की गरीब महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाए। इसलिए कार्यक्रम का नाम लखपति दीदी रखा, जो एक अनूठी कल्पना है।

PM मोदी आज देश की 2 करोड़ माता-बहनों को संबोधित करेंगे। वह इस नई सोच के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। कहा कि प्रधानमंत्री ने लक्ष्य रखा है कि हरियाणा की 3 लाख बहनों को लखपति दीदी के रूप में आगे बढ़ाया जाए, उनको सेल्फ हेल्प ग्रुप से जोड़ा जाए।

500 सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें 10-10 बहनें ट्रेनिंग लेंगी। 5000 बहनों को ड्रोन पायलट बनाया जाएगा। इन सभी को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। हर क्षेत्र में ड्रोन की आवश्यकता रहेगी, चाहे वह सर्वे का काम हो या फिर खेतों में दवाई छिड़काव का। सेल्फ हेल्फ ग्रुप इन ड्रोन को किराए पर देकर अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान से भी हमारी बेटियां बहुत आगे बढ़ी हैं।

वहीं, उन्होंने कहा कि 302 बहनों को अन्य विभागों में काम दिलवा दिया गया है, उन्होंने कहा कि जो बहनें चूल्हा जलाकर काम करती थीं, उनको वैज्ञानिक तौर पर काम देकर ड्रोन चलने का काम दिया है। 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, जिसके उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम किया गया है।

लखपति दीदी योजना देश की गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए शुरू की गई है। जिसका जिक्र अंतरिम बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। इतना ही नहीं, इसको लेकर सरकार के विजन को भी स्पष्ट किया था। पहले जहां लखपति दीदी योजना का लाभ सिर्फ 2 करोड़ महिलाओं के लिए रखा गया था, वहीं उसे बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया।

इस योजना में महिलाओं को प्लंबिंग, एलईडी बल्ब निर्माण, ड्रोन ऑपरेटिंग तथा उनकी मरम्मत जैसी ट्रेनिंग शामिल है, ताकि महिलाएं खुद के पैरों पर खड़ी हों। हालांकि, इस योजना में किसी तरह की आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में कोई भी महिला ट्रेनिंग ले सकती है, लेकिन इसके लिए महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ना होगा।

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