पेड़ों से ही हमारा जीवन संभव हैः जिला एवं सत्र न्यायाधीश

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तोशाम।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश  दीपक अग्रवाल ने कहा है कि समय की आवश्यकता को देखते हुए हमें अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। पेड़-पौधों के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। यह प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने एवं मानव अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अपने आसपास अधिक से अधिक पौधारोपण करें ताकि शुद्ध हवा मिल सके। पौधारोपण से पर्यावरण की भी सुरक्षा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का यह सामाजिक दायित्व है कि पर्यावरण की सुरक्षा करे ताकि आने वाले समय में हमें कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरवार को न्यायिक परिसर तोशाम में पौधारोपण उपरांत बोल रहे थे। इस मौके पर एसडीजेएम देवेंद्र योद्धा व जज मैडम संतोष भी उपस्थित रहे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल ने कहा कि आज जिस तरह की परिस्थिति है, पूरा विश्व काफी चिंतित है। हालात से निपटने का मात्र एक ही रास्ता है कि हम पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि पेड़ों से ही हमारा जीवन संभव है। अगर पेड़ नहीं रहेंगे तो पृथ्वी के सभी जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सभी को समय-समय पर पौधे लगाने चाहिए, जिससे प्रकृति और मानव जीवन सुरक्षित रह सके।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि अगर पेड़ नहीं रहेंगे तो पृथ्वी के सभी जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सभी को समय-समय पर पौधे लगाने चाहिए, जिससे प्रकृति और मानव जीवन सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व भूमि संरक्षण के लिए मौजूदा समय में पौधारोपण जरूरी है। पौधारोपण कर पर्यावरण को बचाने का संकल्प सभी को लेने की आवश्यकता है। हमारा कर्तव्य है कि पर्यावरण सुधार के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण करें और पेड़ों को बचाएं।

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