खाद्य प्रसंस्करण फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमों को दी जाती है 35 प्रतिशत सब्सिडी:डीसी

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भिवानी।

सरकार द्वारा नागरिकों को अनेक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसी कड़ी में खाद्य प्रसंस्करण फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमों को आसान ऋण और तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। युवा दुनिया के बाजारों में प्रतिस्पर्धा करते हुए आत्मनिर्भर बन सके। इसी उद्देश्य से उद्योगों पर सरकार भारी सब्सिडी दे रही है।
डीसी नरेश नरवाल ने येे जानकारी देते हुए बताया कि पीएफएमई (प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज) योजना के तहत अपने सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 35 प्रतिशत सब्सिडी के साथ बैंक ऋण उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए पोर्टल पीएमएफएमइडॉटएमओएफपीआइडॉटजीओवीडॉटइन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

यह सब्सिडी केवल उन्हीं लाभार्थियों को दी जाएगी जो केवल फूड इंडस्ट्री में अपना छोटा या बड़ा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। सरकार की इस विशेष पहल से कई सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को लाभ होगा। डीसी नरवाल ने बताया कि नमकीन बनाने का बिजनेस, कोल्ड ड्रिंक बनाने का बिजनेस, खोया पनीर बनाने का बिजनेस बेकरी यूनिट, (बर्गर, बिस्किट, ब्रेड, केक इत्यादि), अचार बनाने की यूनिट, सरसों से तेल निकालने की मील पापड़ बनाने का बिजनेस, दाल बनाने का बिजनेस, समोसा मेकिंग मशीन, पानी पुरी मेकिंग मशीन मसाला पिसाई यूनिट, आलू या केले के चिप्स बनाने की यूनिट, लहसुन या अदरक की पेस्ट बनाने की यूनिट सोयाबीन से पनीर बनाने की यूनिट, गेहूं बाजरा का दलिया, मैदा आटा बनाने की यूनिट, हलवाई के काम के लिए जैसे कि लड्डू बर्फी बनाने के लिए, रसगुल्ला बनाने के लिए, शहद का व्यवसाय शुरू करने के लिए, आंवला से मुरब्बा बनाने की यूनिट के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया की बैंक से लोन लेने पर 35 प्रतिशत सब्सिडी ( अधिकतम 10 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा जिले को डीएपी ओडीओपी उत्पाद के तहत नए उद्योग लगाने के लिए भी बैंक से लोन और सब्सिडी उपलब्ध होगी।
डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि योजना क लाभ उठाने के लिए प्रार्थी की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रार्थी का आधार कार्ड एवं पैन कार्ड, एक पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक की कॉपी (आईएफएससी कोड और अकाउंट नंबर सहित) पिछले 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट, उद्योग लगाने के लिए जगह का वैलिड प्ररूफ (जमीन की रजिस्ट्री, रेंट एग्रीमेंट, बिजली के बिल की कॉपी जो एक महीने से ज्यादा पुरानी नहीं, टेलीफोन बिल की कॉपी, पानी के बिल की कॉपी या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी लगानी होगी। यदि वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपए से अधिक है तो जीएसटी पंजीकरण व विनिर्माण में एफएसएसएआई लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा उद्योग से संबंधित मशीन का नाम और उसकी लगभग कीमत की जानकारी भी होनी चाहिए। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए जिला एमएसएमई केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

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