सोफिया बुल्गारिया में स्ट्रेडजा कप में मुक्केबाज नीतू घणघस अपने प्रतिद्वंद्वी पर लगातार पंच बरसा रही थीं। वहीं उसके हरियाणा के भिवानी जिले के गांव धनाना में परिजन और ग्रामीण जश्न मना रहे थे। परिजन और खेल प्रेमी मैच के दौरान टीवी के सामने बैठे रहे और नीतू को विजेता घोषित करते ही एक-दूसरे के गले लगकर बधाई देते नजर आए। धनाना में ग्रामीणों ने लड्डू बांटकर जश्न मनाया है।
सोफिया बुग्गारिया में आयोजित स्ट्रेडजा कप में 48 किलो भार वर्ग में धनाना गांव की खिलाड़ी मुक्केबाज नीतू घणघस अपना फाइनल मैच जीतकर भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल हासिल किया। नीतू ने फाइनल मुकाबले में इटली की मुक्केबाज को 5-0 से हराया है। नीतू ने यूरोप के सबसे पुराने टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता है।
मुक्केबाज नीतू की जीत पर उसके परिजनों और खेलप्रेमियों ने लड्डू बांटकर खुशी जाहिर की। हरियाणा बॉक्सिंग संघ के प्रधान मेजर सत्यपाल सिंधु और हरियाणा बॉक्सिंग संघ के प्रवक्ता एवं अधिवक्ता राजनारायण पंघाल और नीतू की बॉक्सिंग अकादमी के संरक्षक कमल प्रधान ने नीतू घणघस को स्वर्ण पदक जीतने की बधाई दी। नीतू के स्वर्ण पदक जीतने पर उसकी मां मुकेश देवी, दादा मांगेराम, दादी प्रेम देवी, ताऊ कृष्ण, ताई सरोज देवी सहित खेल प्रेमियों ने लड्डू बांटकर खुुश जाहिर की।
वर्ष 2012 में किया था मुक्केबाजी का सफर शुरू
मुक्केबाज नीतू के पिता जयभगवान ने बताया कि वे विधानसभा में नौकरी करते हैं। नीतू ने वर्ष 2012 में भिवानी में कोच जगदीश के पास ट्रेनिंग शुरू की थी। इसके बाद वह निरंतर मेहनत करती रही है। आज इस मुकाम पर पहुंची है। नीतू फिलहाल चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय से एमपीएड की पढ़ाई कर रही है। उसका छोटा भाई अक्षित कुमार शूटिंग का खिलाड़ी है, जिसने हाल ही में नेशनल स्तर पर भाग लिया था।
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