भाजपा ने आपातकाल के दौरान यातनाएं सहने वाले नागरिकों को किया सम्मानित

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भिवानी :
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। उस दौरान विपक्ष के नेताओं एवं नागरिकों को जेलों में भर दिया गया था। इसी के विरोध में हर वर्ष 25 जून को देश भर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा काला दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में मंगलवार को भाजपा द्वारा लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाया गया तथा आपातकाल के दौरान यातनाएं सहने वाले लोगों को स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में शॉल व पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत भारत माता की जयघोष व डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डा. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र अर्पित कर की गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता परिवार पहचान पत्र के हरियाणा के कोर्डिनेटर सतीश खोला ने शिरकत की तथा अध्यखता जिला अध्यक्ष मुकेश गौड ने की। कार्यक्रम के संयोजक जिला महामंत्री हर्षवर्धन मान व सह संयोजक हर्षदीप डुडेजा रहे। काला दिवस कार्यक्रम के तहत आपातकाल के दौरान प्रताडऩा सहने वाले पत्रकार श्रीभगवान वशिष्ठ, कामरेड बलबीर शर्मा, अधिवक्ता जितेंद्र तंवर, महावीर सिंह फूलपुरा, अशोक कुमार, विशालजीत को पुष्प गुच्छ भेंट कर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान पीपीपी के हरियाणा कोर्डिनेटर ने पंचायत भवन सिविल लार्ठन थाना के समक्ष नागरिकों की फैमिली आईडी से संबंधित समस्याएं सुनी तथा अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।


इस मौके पर हरियाणा के कोर्डिनेटर सतीश खोला ने कहा कि 25 जून को भारत के इतिहास में लोकतंत्र की हत्या का दिन गिना जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 25 जून की रात को केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी तथा संविधान का गला गोट दिया था। आपातकालीन लगाने के बाद राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य को जेल में डाल दिया। खोला ने कहा कि सिर्फ भाजपा जनता पार्टी की सरकार ही आम नागरिकों के हितों व अधिकारों की सही तरह से देखभाल करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एओ ह्यूम द्वारा बनाई गई पार्टी है, जिसका भारत के संविधान व संस्कृति से कोई लेना-देना व जानकारी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस भारत के नागरिकों की रक्षा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा में नागरिकों को पूरा मान-सम्मान मिलता है, जबकि कांग्रेस में आम आदमी को सिर्फ दर्द ही मिलता है। ऐसे में लोगों को दुख-दर्द देने वाली कांग्रेस जैसी पार्टियों का जनता को पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए।
इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष मुकेश गौड ने कहा कि संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने 25 जून 1975 को सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थौंपकर लोगों को जेल में भरने का काम किया था तथा अनेक लोगों को प्रताडि़त किया गया। इस आपातकाल के शिकार पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी थे, जिनको बुरी तरह से प्रताडि़त करते हुए उनके शरीर पर सिगरेट बुझाई गई, जिसके निशान आज भी उनके शरीर पर है। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष व राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शंकर धूपड़, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नंदराम धानिया, कमलेश भोडूका, विजय शेखावत ने कहा कि इस काले दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि कांग्रेस के खिलाफ आमजन द्वारा लड़ी गई लड़ाई की गाथा को ब्यां करना है।
इस अवसर पर डीएम मनोहर, रमेश लालावास, सतेंद्र तंवर, नरेश कुडल, रविंद्र बापोड़ा, राजपाल कडवासरा, धर्मेंद्र जिंदल, डा. सुनील तनेजा, शकुंतला प्रधान, राजेश धनखड़, आरती इंदौरा, सोनू सैनी, शिवराज बागड़ी, प्रेम वर्मा, विजय कुंगड़, मुकेश प्रजापति, महेंद्र यादव, चंदा गुप्ता, राजबाला श्योराण, भगवान दा कालिया, विशंबर दयाल, बाबूलाल स्वामी, विनोद स्वामी राजेश जांगड़ा, अशोक खलेरा, मा. मुनीपाल, कंवर सिंह, विजय शर्मा, जोगेंद्र जांगड़ा, नरेंद्र शर्मा, विनोद चावला, विकास काठपालिया, संजीव शिमली, सचिन सैनी, प्रदीप किराड़, अंकित पालुवास, सुनील सैनी, नरेंद्र संडवा, नरेंद्र दरियापुर, मा. हंसराज, अशोक यादव, दिलबाग, डा. महेंद्र सिंह चौहान, सुनीता शर्मा, शालू अरोड़ा, सरोज बोस, ज्योति शर्मा, सुदेश, सुशीला, संतोष, अनिता शर्मा, सज्जन कौर, सुनीता, अनिता चावला, पूनम, शीला, सुमन, नीतू, रेखा, निशा जांगड़ा, कमलेश बहल, सहित सभी प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, सभी मंडल अध्यक्ष, सभी मोर्चो व प्रकोष्ठों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

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