चरखी दादरी: मजदूर के खाते में आए 200 करोड़

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चरखी दादरी।

जिले के एक मजदूर के बैंक अकाउंट में अचानक 200 करोड़ रुपए जमा हो गए। इसका खुलासा तब हुआ, जब उत्तर प्रदेश पुलिस पूछताछ करने के लिए उसके घर पहुंची। पुलिस ने बताया कि मजदूर के बैंक खाते में हुई इतनी बड़ी ट्रांजैक्शन को देख गुजरात पुलिस ने खाता होल्ड करा लिया है। फिलहाल मजदूर को भी समझ नहीं आ रहा कि उसका खाता बैंक में कैसे खुला और इतनी बड़ी रकम किसने और क्यों जमा कराई।

चरखीदादरी के बेरला का रहने वाला विक्रम 8वीं पास है। विक्रम के चचेरे भाई प्रदीप ने बताया कि 2 सितंबर को अचानक UP पुलिस उनके घर पहुंची। इस टीम में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल शामिल थे। पुलिस ने कहा कि उसके यस बैंक के खाते में 200 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। प्रदीप का कहना है कि उनके साथ बाढड़ा पुलिस का कॉन्स्टेबल भी था।

पुलिस ने पूछताछ की तो विक्रम ने साफ मना कर दिया कि उसका न तो कोई ऐसा कोई बैंक अकाउंट है और न ही उसके पास इतनी रकम आई है। इसके बाद पुलिस टीम ने हिरासत में लेकर उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश की। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने पुलिस का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि विक्रम ने फ्रॉड किया है। जब प्रदीप ने पुलिस से इस संबंध में कोई कोर्ट नोटिस या वारंट मांगा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने UP पुलिस से यह भी पूछा कि लोकल पुलिस चौकी में इस बारे में सूचना दी गई है या नहीं।

इसके जवाब में पुलिस ने ये कहा कि विक्रम ने फोन पर धमकी देकर यूपी के किसी सोनी जी से धमकी देकर 60 हजार रुपए जमा कराए हैं। पुलिस ने ये भी कहा कि मोबाइल नंबर के आधार पर उसे अरेस्ट कर रहे हैं। इसपर पुलिस को बताया गया कि मोबाइल नंबर कंपनी के विवेक का है, विक्रम का नहीं। इसके बाद टीम 3 दिन बाद पेश होने के लिए कहकर उससे पूछताछ के बाद वापस लौट गई।

विक्रम ने कहा कि 2 महीने पहले वह नौकरी करने के लिए रेवाड़ी में बिलासपुर चौक पर पटौदी इलाके में गया था। यहां उसे एक्सप्रेस-20 नंबर कंपनी में नौकरी मिल गई। उसे कहा गया कि सैलरी के लिए यस बैंक में अकाउंट खुलवाना होगा। विक्रम ने कहा कि उसके पास इस बैंक का अकाउंट नहीं है। कंपनी ने खाता खुलवाने के लिए उसके डॉक्यूमेंट ले लिए। इसके बाद अकाउंट के लिए मोबाइल नंबर कंपनी ने अपने दिए। करीब 4 घंटे बाद विक्रम ने अकाउंट नंबर मांगा तो 2-4 दिन रुकने को कहा गया। 3 दिन बाद विक्रम ने अकाउंट कॉपी, नंबर और एटीएम मांगा तो कंपनी ने कहा कि वह अकाउंट रद्द हो गया है। आप कोई दूसरा अकाउंट दे दो। उसमें सैलरी भी आ गई लेकिन बाद में विक्रम ने काम छोड़ दिया। विक्रम ने यस बैंक वाले अकाउंट के बारे में पूछा तो कंपनी ने कहा कि वह खाता तो खुला ही नहीं। जिसके बाद विक्रम घर आकर मजदूरी करने लगे।

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