बेटी पीहर में ही नही,ससुराल में भी पढ़ लिख कर हो सकती हैं कामयाब :सीमा

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भिवानी।

भिवानी की एक बेटी को सीए बनने में ससुराल पक्ष का रहा बड़ा योगदान, सासू मां ने बेटी की तरह बहू को पढ़ाया लिखाया और उसको कामयाब बनाया। आज यह एक प्रकार से मिसाल सामने आई है की बेटी केवल माता-पिता के घर पर ही नहीं बल्कि ससुराल पक्ष में भी पहुंच कर वह अपनी पढ़ाई लिखाई जारी रख कर, वह एक-कामयाबी की मंजिल प्राप्त कर सकती है और यही भिवानी दिनोद गेट निवासी निर्मला जैन की बहु गीतांजलि अग्रवाल ने कर दिखाया। जिन्होंने अपने ससुराल में पढ़ाई लिखाई कर चार्टेड अकाउंटेंट्स की परीक्षा पास कर माता पिता, ससुराल पक्ष और भिवानी का नाम रोशन किया है। जिसको लेकर अग्रवाल महिला मंडल की पदाधिकारियो ने बधाई दी है।

गौरतलब है कि सीए इंटर और फाइनल परीक्षा 2024 का रिजल्ट घोषित किया गया है। दिल्ली के शिवम मिश्रा ने 83.33 फीसदी नंबर प्राप्त कर टाॅप किया है। वहीं दूसरे स्थान पर 480 अंकों के साथ वर्षा अरोड़ा हैं, जबकि 3 स्थान पर मुंबई के किरण मनराल और गिलमन सलीम अंसारी संयुक्त रूप से हैं I लास्ट ईयर में कुल 74887 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 20479 सफल हुए हैं औ पास प्रतिशत 27.35 फीसदी रहा। इसी सफल प्रयास में भिवानी की गीतांजलि ने भी यह परीक्षा ससुराल में रहते हुए पास की है यह बड़े गर्व की बात है।
गीतांजलि को आज अग्रवाल महिला मंडल ट्रस्ट की अध्यक्ष सीमा बंसल, स्नेह बंसल सहित अनेक पदाधिकारियों ने मिठाई खिलाकर बधाई दी। सीमा बंसल ने कहा कि बेटियां केवल अपने माता-पिता के घर पर ही कामयाब हो यह जरूरी नहीं है, वह ससुराल में भी अपनी पढ़ाई लिखाई जारी रख मंजिल को प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि गीतांजलि ने यह मिसाल कायम कर दी है कि ससुराल पक्ष में उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और इस मेहनत में ससुराल पक्ष का भी पूरा योगदान रहा है। जिसके बल पर आज गीतांजलि सीए बनी है। जिससे अग्रवाल समाज को बड़ा गर्व है। उन्होंने गीतांजलि के माता-पिता व सास-ससुर को गीतांजलि की कामयाबी के लिए बधाई दी।
सीए की परीक्षा पास करने की खुशी जाहिर करते हुए गीतांजलि ने कहा कि उन्होंने पहले अपने माता-पिता के घर पर पढ़ाई लिखाई की और उसके बाद उन्होंने अपने ससुराल में जी तोड़ मेहनत कर सीए की परीक्षा आज पास कर ली है। जिसमें उनकी सास माँ और ननद का बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि उनकी सासू मां ने ससुराल में घर का कामकाज करवाने की बजाय, पढ़ाई पर ही जोर दिया और उन्हीं के प्रयास से आज वें कामयाब हुई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सासू मां ने बेटी की तरह उनको प्रोत्साहित किया है। गीतांजलि ने कहा कि उनकी कामयाबी में ननद सिखा जैन, पति नितिन जैन और देवर मनीष का भी बड़ा योगदान है।जिन्होंने मुझे समय समय पर प्रोत्साहित किया।

गीतांजलि की  सासू मां निर्मला जैन ने कहा कि उन्होंने उन्होंने गीता अंजलि की पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की अड़चन नहीं आने दी बल्कि उन्होंने उनकी पढ़ाई पर ही फोकस किया और घर का कामकाज हुए स्वयं करती थी और उनका की बीच-बीच में है गीतांजलि उनका हाथ जरूर बताती थी लेकिन उनका पूरा फोकस से हम हैं पढ़ाई पर ही रखते थे आज वह कामयाब हुई है हमें बड़ी खुशी हुई है कि जो गीतांजलि ने मेहनत की है उससे उनका नाम रोशन हुआ है। निर्मला जैन ने कहा कि गीतांजलि को उन्होंने बहू नहीं, बेटी समझकर पढ़ाया लिखाया और आगे बढ़ाया है और हर परिवार को ऐसा करना चाहिए। इस अवसर पर  अग्रवाल महिला मंडल ट्रस्ट से अध्यक्ष सीमा बंसल, स्नेह बंसल, निर्मला जैन, नितिन कुमार, मनीष जैन, सिखा जैन सहित अनेक ने ख़ुशी जताई।

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