शिवरात्रि का पर्व जोगीवाला शिव मंदिर धाम में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़

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हरिद्वार से गंगाजल लेकर पहुंचे पुत्रों ने करवाया माता-पिता को गंगाजल से स्नान

भिवानी।

छोटी काशी के प्रसिद्ध जोगीवाला शिव मंदिर धाम में आज शिवरात्रि का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया है। यहां पर श्रद्धालु जो लगातार सुबह 4:00 बजे से अभी तक पूजा पाठ कर रहे हैं,गंगाजल भगवान शिव को चढ़ा रहे हैं और हरिद्वार हर की पौड़ी, गोमुख,गंगोत्री से जो कावड़िया गंगाजल लेकर यहां मंदिर में पहुंचे हैं और उन्होंने भगवान शिव के लिंग पर गंगाजल चढाकर जल अभिषेक किया है और भगवान से सुख और शांति की कामना की है। वह मंदिर में चारों तरफ काफी संख्या में भीड़ रही है,लंबी-लंबी कतारे लगी रही है और आज जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने पंचगव्य और दुग्ध तथा गंगाजल से भगवान शिव का जल अभिषेक किया है और उसके बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ ने गंगाजल चढ़ाया है।
वही भिवानी के बाबा जहर गिरी आश्रम के शिवालय में भी डॉक्टर अशोक गिरी महाराज के मार्गदर्शन में यहा हर की पौड़ी, गोमुख से गंगाजल लेकर पहुंचे कांवड़ियों के द्वारा गंगाजल शिवलिंग पर चढ़ाए गया हैं,तो यही इस मंदिर के अंदर दो कावड़िया गंगाजल लेकर यहां पहुंचे और उन्होंने गंगाजल के द्वारा अपने माता-पिता को मंदिर में स्नान करवाया है। वही भिवानी के हनुमान ढाणी स्थित शिवालय के अंदर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार से डाक कावड़ लाकर भगवान शिव का जो जल अभिषेक किया है। गंगाजल चढाकर देश में सुख और समृद्धि की कामना की है। वही काफी युवाओं ने जो गंगाजल चढा कर पर्यावरण की शुद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की है कि अधिक से अधिक बारिश हो और अधिक से अधिक पेड़ होंगे तो पर्यावरण सही होगा।

छोटी काशी का प्रसिद्ध सिद्ध मंदिर जोगीवाला शिव धाम मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि शिव भगवान शिव आदि अनादि हैं और पूरे विश्व शिवमय हो गया है। गोमुख गंगोत्री और हरिद्वार से शिव भक्त गंगाजल लेकर यहां मंदिर में पहुंचे हैं और उन्होंने यहां मंदिर में भगवान शिव को गंगाजल अभिषेक किया है। महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि आज सुबह 4:00 से पूजा शुरू हुई थी और रात्रि 12:00 बजे तक भगवान शिव का गुणगान रहेगा। उन्होंने कहा कि आज सुबह 4:00 बजे इंद्रदेव ने भी भगवान शिव को बारिश करके जल अभिषेक किया है यह बड़े गर्व की बात है, कि हर शिवरात्रि को यहां मंदिर में भगवान शिव को इंद्रदेव जल अभिषेक करते हैं।उन्होंने कहा कि कण कण में भगवान यहां पर जागृत है।

वहीं जहर गिरी मंदिर के महंत डॉक्टर अशोक गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव के अनेकों नाम है और श्रावण माह के अंदर जो भगवान शिव की पूजा की जाती है।वह बड़ी लाभकारी होती है। आज भव्य रूप से भगवान शिव को जो याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ही संभाव और समरसता के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव का सारथी नाग है और गणेश का मूषक है और कार्तिक का मयूर है।सभी एकता से परिवार में रहते हैं। तीनों प्रकार के यहां जीव होने के बाद भी एक हैं। इसी प्रकार से हमें परिवार में भी भले ही विचार मतभेद हो जाए लेकिन हमें एक रहना चाहिए, उन्होंने परिवार में एकता की नसीहत दी ।

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