चंडीगढ़।
पंचायतों में ई-टेंडरिंग लागू करने का बवाल बढ़ गया है। इसके विरोध में सरपंच बुधवार से चंडीगढ़ बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उन्होंने पूरी रात भी चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर ही काटी। सरंपचों के प्रदर्शन की वजह से पंचकूला में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस ने चंडीगढ़-पंचकूला रोड को सील कर दिया है।
कल CM आवास घेराव के लिए जा रहे सरपंचों पर पंचकूला में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 100 से अधिक सरपंच घायल हो गए। वहीं पंचकूला पुलिस ने देर रात 4 हजार सरपंचों के खिलाफ IPC की 10 धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर पक्का धरना लगाकर बैठे सरपंचों ने कल CM के OSD भूपेश्वर दयाल को बैरंग लौटा दिया था। उनकी मांग है कि सीएम मनोहर लाल खुद यह बयान दें कि ई-टेंडरिंग वापस ले ली गई है। इसके बाद ही उनका धरना खत्म होगा। अब उन्हें किसी से कोई बातचीत नहीं करनी है।
पुलिस लाठीचार्ज के बाद भड़के सरपंचों ने ऐलान कर दिया है कि वो अपने क्षेत्रों में सत्ताधारी BJP-JJP के विधायकों को घुसने नहीं देंगे। यदि फिर भी वे गांवों में आते हैं तो खुद जिम्मेवार होंगे। सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता और भट्टू एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रमोहन ने कहा कि सरकार ने जो बर्ताव उनके साथ किया है। वही बर्ताव सरकार के लोग जब गांव में आएंगे तो उनके साथ भी किया जायेगा। हरियाणा के गांवों में डबल मोड़ने का रिवाज है।
लगभग दो घंटे के दौरान दो बार वार्ता विफल होने के बाद सरपंचों ने फिर से प्रदर्शन शुरू किया। हालात बेकाबू होने पर पंचकूला पुलिस ने 4.30 बजे प्रदर्शन कर रहे सरपंचों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें 100 से अधिक सरपंच घायल हो गए। रात लगभग 11 बजे पंचकूला पुलिस ने सरपंचों के खिलाफ 147,148, 149, 323, 332, 353, 325, 186,188, 283 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
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