चंडीगढ़।
हरियाणा में चल रहे ई-टेंडरिंग विवाद पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि सरपंचों की मांग को देखते हुए अब काम की लिमिट 2 लाख से बढ़ा दी गई है। अब सरपंच बिना ई-टेंडरिंग के 5 लाख रुपए तक के काम करा सकेंगे। इससे ऊपर की राशि के सभी काम ई-टेंडरिंग से ही होंगे। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की भी शक्तियां बढ़ाई गई है। उनके कार्यक्षेत्र का दायरा सरकार के द्वारा बढ़ाया गया है।
मनोहर लाल ने कहा कि ई टेंडरिंग से जो काम होंगे अगर उसकी गुणवत्ता में कोई खराबी आती है तो उसकी जिम्मेदारी अधिकारी की होगी। सीएम ने कहा कि जो कोटेशन से काम होंगे, उसकी गुणवता की जिम्मेदारी सरपंच की होगी। गुणवत्ता के साथ सरकार किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरपंचों के वेतन में भी इजाफा किया है। सीएम ने सरपंचों का वेतन 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया है। सीएम ने कहा कि सरपंचों को बढ़ा हुआ वेतन अप्रैल से दिया जाएगा। इसके अलावा पंचों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उनका वेतन एक हजार से बढ़ाकर 1600 रुपए कर दिया गया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सरपंचों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने सरपंचों के अधिकार में बढ़ोत्तरी करते हुए ग्राम सचिव की ACR लिखने का अधिकार भी सरपंचों को दे दिया है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष ई-टेंडरिंग को लेकर केवल भ्रांतिया फैला रहा है। जबकि इस व्यवस्था से कामों में पारदर्शिता आएगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने के लिए CEO की भर्तियां शुरू की है। पंचायती राज में पहले सीईओ की भर्तियां नहीं की जाती थी। इस नियुक्ति से पंचायतों में कामों को और बेहतर करने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि सरकार पंचायतों को सशक्त करने में काम कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में कराए जाने वाले कामों का सरकार ऑडिट कराएगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषद को 110 करोड़, ग्राम पंचायत के लिए 165 करोड़, पंचायतों के लिए 850 करोड़ रुपए अलॉट किए हैं। हर जिले में जिला परिषद के सचिवालय बनाने का फैसला सरकार ने किया है। काम की क्वालिटी तय करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएसआर रेट और डीसी रेट के बीच समन्वय बनाया जाएगा, इसके लिए HSR रेट को जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा। बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी पंचायतों को दिया जाएगा। अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए हैं, लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बड़ी पंचायतों के लिए 25 लाख रुपए बजट रखा गया है। यहां कुछ काम ई टेंडरिंग से किए जाएंगे। कुछ काम कोटेशन के जरिए होंगे। लापरवाही मिलने पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार होंगे। साथ ही टेंडर पब्लिश करते ही राशि अलॉट कर दी जाएगी। पंचायतों में विकास का पैसा चार किश्तों में दिया जाएगा।
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