Haryana Weather Update: हरियाणा में लगातार ठिठुरन बढ़ रही है। आने वाले दो दिनों में कोल्ड डे का सामना करना पड़ सकता है। सिरसा, हिसार औक फतेहाबाद में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। यहां रात के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी।
ऐसे में जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही लोगों को जरूरत पड़ने पर पूरे शरीर को ढककर बाहर निकलने की सलाह दी है। हिसार की बात करें तो हरियाणा में सबसे कम तापमान 1.6 डिग्री हिसार में दर्ज किया गया है।
वहीं, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि हरियाणा राज्य में 22 दिसंबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने और उत्तरी व उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से दिन व रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान राज्य के कुछ एक क्षेत्रों में अलसुबह हल्की धुंध रहने की भी संभावना है। परंतु एक पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 21 व 22 दिसंबर को राज्य में आंशिक बादलवाई की संभावना है।
सर्दी से बचाव को ये उपचार करें
रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल, सब्जियां व आहार लेने के साथ-साथ व्यायाम भी जरूरी है। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। सर्दी में प्यास कम लगती है और अधिकांश लोग कम पानी पीते हैं। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए कम से कम चार लीटर पानी दिनभर में पीना चाहिए।
पाले से फसलों का ऐसे करें बचाव
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी और छोटे फलदार पौधों पर पड़ता है। प्रदेश में पाला आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के महीने में ही पड़ता है। पाले के कारण फसलों, सब्जियों व छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
फसलों, सब्जियों व छोटे फलदार तनों, फूलों, फलों में उपस्थित द्रव बर्फ के रूप में जम जाते हैं और ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। इससे बचाव के लिए किसान भाई फसलों, सब्जियों व फलदार पौधो में सिंचाई करें, ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके।
खेत के किनारे पर और 15 से 20 फुट की दूरी के अंतराल पर जिस ओर से हवा आ रही है, रात के समय कूड़ा-कचरा, सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए, ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके और पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन और भूसे से ढक कर रखें।