भिवानी।
देश-प्रदेश में नेशनल हाईवे सड़क बनाने व उसकी देखरेख को लेकर नम्बर वन श्रेणी में माना जाता है। लेकिन भिवानी शहर में न जाने क्या ठेकेदारों की कोई तगड़ी सेटिंग है कोई राजनीतिक लड़ाई का शिकार है या इसके पीछे दोषी कोंन है समझ से परे है।
रोहतक गेट के समीप पिछले 5 दिनों से बालू रेत से उखड़ ग्रिल का जोड़ा सड़क पर पड़ा है, कोई संभालने वाला दिखाई नहीं दे रहा है। यही नही डेढ़ माह पहले इसी रोड़ पर बावड़ी गेट के समीप तो एक रोड़ एक्सीडेंट में दो ग्रिल उखड़ कर सड़क पर पड़ी थी। कुछ दिन तो यह दिखाई दी अब उसके साथ लगती दो ग्रिल जोड़ा भी क्या कोई रातोरात उखाड़ ले गया। चार ग्रिल ऐसे चंपत हो गई मानों यहां ग्रिल थी ही नही। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि रोहतक गेट से लेकर बावड़ी गेट,दादरी गेट,हनुमान गेट,हलवास गेट तक एनएच के बीचोबीच जो ग्रिल दबाई गई थी वह बालू रेत में ही खड़ी की गई थी।
अधिकांश ग्रिल तेज हवा व अंधड़ में तिरछी हो गई हैं। यही नही तेज भूचाल तो छोड़िए हलकी अंधड़ में भी ये ग्रिल रेंगते वाहनों पर कभी भी किसी भी समय गिर सकती हैं। जब बड़ा हादसा होगा तो एनएच प्रशासन से लेकर लोकल प्रशासन की नींद भी टूट जाएगी। चारो ओर भगदड़ देख शासन प्रशासन ग्रिल मजबूत भी करवाएगा,दोषी अधिकारियों पर गाज भी गिरायेगा।
अरे तंत्र के रक्षकों कोई हादसा हो इससे पहले ही सुध क्यों नही लेते जनाब !
डेढ़ माह पहले जब बावड़ी गेट की उखडी ग्रिल की जानकारी एनएच के कनिष्ठ अभियंता नारायण को दी गई थी तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह के दौरान ग्रिल को मजबूती से ठीक करवा दिया जाएगा। लेकिन क्या कारण है कि अधिकांश ग्रिल बेढंग से बालू रेत में दबी दिखायी देती और क्यों चुप्पी साधे हुए है राजनेता और प्रशासन ।
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