गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो देने पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया

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हत्या और यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास और 20 साल की सजा काट रहे विवादास्पद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को 21 दिन की फरलो देने पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। शुक्रवार को जस्टिस बीएस वालिया ने सुनवाई के दौरान सरकार को आदेश दिया कि वो सोमवार को सभी दस्तावेज व रिकार्ड कोर्ट में पेश करें जिसके आधार पर फरलों देने का निर्णय लिया गया। सरकार को इस मामले में लिखित हलफनामा दायर कर पक्ष रखने का भी कोर्ट ने आदेश दिया। बहस के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कोर्ट को बताया कि रोहतक मंडल के आयुक्त ने पुलिस रिपोर्ट व कुछ शर्तों के साथ गुड कंडक्ट प्रिज़नर्स के नियमों के आधार पर फरलो जारी की है। अगर शर्तो की अवेहलना होती है तो फरलो रद्द की जा सकती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर सोमवार को रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया।

इस मामले में पंजाब में समाना निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार 56 वर्षीय परमजीत सिंह सोहाली द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि डेरा प्रमुख को फरलो पर ऐसे समय में रिहाई की गई है जब 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। याचिका में दलील दी गई है कि इससे पंजाब में शांति भंग होने का भय है। याचिका के अनुसार डेरा पंजाब के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है, डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनावों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। याचिकाकर्ता, जो पंजाब के पटियाला जिले के गांव भादसों का रहने वाला है, ने हरियाणा सरकार के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है जिसके तहत डेरा प्रमुख को फरलो दी गई है क्यों की यह फरलो केवल विशेष रूप से पंजाब में राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दी गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक आठ फरवरी को उसने फरलो रद्द करने के लिए हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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