सोनीपत।
सोनीपत के खरखौदा में स्थित कन्या महाविद्यालय (कॉलेज) में सरकार द्वारा दिए जा रही सहायता राशि (अनुदान) में 32 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया है। आरोप लगे हैं कि मेनेजमेंट व PMKVY प्रोजेक्ट से जुड़े कोर्स में अयोग्य लड़के लड़कियों को एडमिशन दिलाया गया। प्रोजेक्ट में मिली राशि को अपने व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित किया गया है। पुलिस ने मैनेजमेंट व एसबी फर्म रोहतक से जुड़े 4 व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी में केस दर्ज किया है।
कॉलेज को मिला था PMKVY प्रोजेक्ट
सीएम फ्लाइंग के SI राज सिंह ने खरखौदा थाना में दी शिकायत में कहा कि कन्या महाविद्यालय में जांच के दौरान पाया गया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास येाजना (PMKVY) केन्द्र सरकार का प्रोजेक्ट है। इस स्कीम में एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा (ट्रेनिंग सेंटर कन्या महाविद्यालय खरखौदा) में वर्ष 2017 में 5 कोर्स चले। इनको लेकर ट्रेनिंग पार्टनर को 30 प्रतिशत पेमेंट मान्य उम्मीदवार का प्रशिक्षण बैच प्रारंभ होने पर, 50 प्रतिशत प्रशिक्षुओं के सफल प्रमाणीकरण और शेष 20 प्रतिशत राशि प्लेसमेंट के आधार पर दी जानी थी।
महाविद्यालय में इन 5 कोर्सों में ट्रेनिंग
कन्या महाविद्यालय खरखौदा में सिलाई मशीन ऑपरेटर कोर्स में 236 सीटें, हैंड एम्ब्रॉयडर में 235 सीटें, स्पोर्ट्स मसाजर में 239 सीटें, डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर कोर्स में 117 सीटें और मल्टी कर्सिन कुक कोर्स में 111 सीटें दी गई थी।
SB फर्म को मिले 68.56 लाख रुपए
उन्होंने बताया कि इस स्कीम में वे बेरोजगार यूथ जो स्कूल कालेज ड्रोप कर चुके हैं भाग लेने के योग्य थे। वर्ष 2016-17 में PMKVY ये प्रोजेक्ट एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड गोपाल कॉम्प्लेक्स रोहतक को दिया गया। इस फर्म में अंकित गर्ग व वसुन्धरा डायरेक्टर थे। फर्म का खाता कर्नाटका बैंक सिविल लाईन रोहतक में है। इसमें PMKVY प्रोजेक्ट के द्वारा 68 लाख 56 हजार 821 रुपए वर्ष 2017 में जारी किए गए।
300 लड़कियों का कोर्स में दाखिला अवैध
फर्म डायरेक्टर अकिंत गर्ग ने एजुकेशन सोसाईटी खरखौदा को PMKVY स्कीम के लिए ट्रेनिंग सेंटर के लिए चुना। जो NSDC की ट्रेनिंग सेंटर आईडी TPHR161310 के अनुसार मान्य ट्रेनिंग सैन्टर है। इसमें कन्या महाविद्यालय खरखौदा ट्रेनिंग सेंटर पर विभिन्न 6 कोसों में कुल 938 लड़कियों को ट्रेनिंग दी। इसमें करीब 300 से ज्यादा लड़किया कन्या महाविद्यालय खरखौदा में पढ़ रही थी। जबकि पॉलिसी के नियमानुसार ये कालेज में पड़ने वाली लड़कियां वैध केंडिडेट नहीं थी।
क्योकि स्कूल/कालेज में पढ़ने वालों के लिए यह स्कीम नहीं थी। इसलिए फर्म ने वैध केंडिडेट तलाशने में शॉर्टकट् रास्ता अपना कर बिना वैध केंडिडेट के ही 300 से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग दिलवाकर उनका पैसा गलत तरीके से प्राप्त किया।
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