सिरसा। दहेज रूपी दानव को मिटाने के लिए समाज में जागरूकता आने लगी है और लोग अब इस सामाजिक बुराई को त्यागते हुए दुल्हन ही दहेज है, के नारे को सार्थक करने में जुटे हुए हंै। इसी कड़ी में गांव भुर्टवाला निवासी जगदीश स्वामी ने अपने पुत्र जयविंद्र स्वामी की शादी में एक रूपया नारियल लेकर समाज के समक्ष मिसाल पेश की। जगदीश स्वामी ने बताया कि उनके बेटे की शादी चारणवासी राजस्थान निवासी नारायण स्वामी की पुत्री मोनिका के साथ तय हुई थी।
शादी के वक्त दुल्हन पक्ष की ओर से लाखों रुपए की राशि दहेज के रूप में रखी गई, लेकिन दुल्हा पक्ष ने एक रूपया नारियल उठाकर राशि लौटाते हुए कहा कि दुल्हन से बड़ा कोई दहेज नहीं है। जगदीश स्वामी ने कहा कि सबसे बड़ा धन बेटी का ही है, जो अपना घर छोडक़र अगले घर की बहू बनती है। इस शादी ने समाज के लिए एक अनूठा उदाहरण पेश किया है।
दंपति ने दहेज प्रथा पर किया प्रहार:
वहीं वर-वधु ने कहा कि समाज में फैली इस कुरीति को दूर करने के लिए युवाओं को स्वयं ही आगे आना होगा। सादगी से संपन्न हुए इस विवाह समारोह में नवदंपती को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे अतिथियों ने दूल्हा पक्ष की इस पहल के लिए भूरी-भूरी प्रशंसा की।
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