रोहतक।
हरियाणा के रोहतक में भाजपा जिला परिषद की चेयरमैन मंजू हुड्डा के खिलाफ लाए अविश्वास पत्र को लेकर वोटिंग फिर टाल दी गई। बुधवार को 10 पार्षद मीटिंग में पहुंचे, लेकिन डिबार (मीटिंग में भाग लेने पर पाबंदी) किए गए 5 पार्षदों पर फैसला न आने पर DC अजय कुमार ने वोटिंग टाल दी। डिबार किए गए 5 पार्षदों के मामले को लेकर 6 नवंबर को पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट में सुनवाई होगी। इस दिन फैसला आ सकता है। DC अजय ने कहा डिबार किए गए पार्षदों पर फैसला आने के बाद आगे का प्रोसेस शुरू करेंगे। मंजू हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव की मांग करने वाले 10 में से 5 पार्षदों को डिबार कर दिया गया था। पार्षदों पर मीटिंग में हंगामा व बदतमीजी करने का आरोप था।
डिबार होने वालों में जिला परिषद के उपाध्यक्ष अनिल हुड्डा, वार्ड नंबर 8 के पार्षद धीरज, वार्ड नंबर 1 के पार्षद अमित रांगी, वार्ड नंबर 14 के पार्षद सोनू व वार्ड 11 की पार्षद दीपिका शामिल है।
रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन के खिलाफ
10 पार्षदों ने डीसी अजय कुमार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद डीसी अजय कुमार ने 23 अक्टूबर को वोटिंग के लिए समय निर्धारित किया और पार्षदों को वोटिंग के लिए विकास भवन स्थित डीआरडीए हाल में बुलाया। लेकिन डीसी नहीं पहुंचने के कारण यह वोटिंग टल गई और अब डीसी ने पत्र जारी करके अविश्वास प्रस्ताव के के लिए 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी।
गाड़ियों में मिले थे हथियार
23 अक्टूबर को वोटिंग स्थगित होने के बाद पुलिस ने विकास भवन में खड़ी गाड़ियों की चेकिंग की तो उनमें से 5 हथियार मिले। जिसके बाद माहौल गर्माया। वहीं चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के एक समर्थक अमित कुमार घायल
अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुए और पार्षदों पर मारपीट करने के आरोप लगाए।
मंजू हुड्डा व उनके पति के खिलाफ किडनैप का केस दर्ज
इससे पहले मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश सरकारी पर पार्षद नीलम के बेटे को किडनैप करने के भी आरोप लगे थे। जिसे दोनों ने ही नकार दिया था। बता दें कि चेयरपर्सन मंजू हुड्डा इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ BJP उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था।
हालांकि वह हार गई थीं। करीब 2 साल पहले रोहतक जिला परिषद का चुनाव हुआ था, जिसमें पहली बार जीतकर आईं मंजू हुड्डा को चेयरपर्सन बनाया गया था। चेयरपर्सन बनने के बाद मंजू हुड्डा ने भाजपा का दामन थाम लिया।