भिवानी।
नाबालिग लड़की से अनैतिक कार्य करवाने, वीडियो बनाकर जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपी महिला को माननीय सोनीका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को भिवानी की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 07 साल कैद( 4(1) इम्मोरल ट्रेफिक प्रीवेंशन एक्ट की धारा के तहत 07 साल की सजा व 25,000 जुर्माना, 5(1)(d)इम्मोरल ट्रेफिक प्रीवेंशन एक्ट की धारा के तहत 7 साल की सजा 2,000 जुर्माना,66(E)इनफॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा के तहत 03 साल की सजा व 25,000 जुर्माना,67(b) (B) इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा के तहत 05 साल की सजा व 25,000 जुर्माना व 506 भारतीय दंड संहिता के तहत 2 साल कैद की सजा ) कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी महिला पर कुल 77,000/- का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि नहीं भरने पर आरोपी महिला को अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
इस मामले में महिला थाना भिवानी पुलिस ने वर्ष 2020 में अभियोग पंजीबद्ध किया था। मामले की सुनवाई माननीय न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती। मामले के अनुसार वर्ष 2020 में महिला थाना पुलिस को एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें नाबालिक लड़की ने पुलिस को बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ अनैतिक कार्य करवा कर उसकी एक वीडियो बनाई थी। जो इस वीडियो के बनाने पर आरोपित महिला के द्वारा शिकायतकर्ता से बार-बार अनैतिक कार्य करवाया गया और जान से मारने की धमकी दी थी।
महिला थाना पुलिस के द्वारा बिना किसी विलंब के अभियोग अंकित किया गया। इसके बाद नाबालिग के माननीय मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तथा जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपीयों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था। जो माननीय न्यायालय ने अभियोग में सुनवाई करते हुए आरोपी महिला पूजा पत्नी धर्मेंद्र निवासी शहर भिवानी को 07 साल कैद की सजा सुनाई व कुल 77,000/- का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न भरने पर आरोपी महिला को अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
पुलिस अधीक्षक महोदय अजीत सिंह ने जिला भिवानी के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोस्को एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें। पुलिस के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय में आरोपियों को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।
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