चर्चा में भारतीय मूल के रूसी विधायक: अभय सिंह ने बताया-रूस ने क्यों किया यूक्रेन पर हमला

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यूक्रेन पर रूसी हमले को भारतीय मूल के रूसी विधायक डॉ. अभय कुमार सिंह ने जायज ठहराया है। उनका कहना है कि यह सैन्य कार्रवाई उचित है, क्योंकि यूक्रेन को पर्याप्त वक्त दिया जा चुका था। उन्होंने यूक्रेन में भारतीयों पर हमलों को बदला करार दिया है।

यूक्रेन में रूस की भारी बमबारी जा रही है। दोनों देशों के बीच सात दिनों से संग्राम चल रहा है। बुधवार को दोनों के बीच अगले दौर की वार्ता होने की संभावना है। इस बीच, पुतिन की पार्टी के विधायक डॉ. अभय कुमार सिंह ने इंडिया टुडे से बातचीत की। इसमें उन्होंने कई अहम मसलों पर अपनी राय दी। डॉ. अभय सिंह रूस के पश्चिमी शहर कुर्स्क से विधायक हैं। रूस में ‘डेप्यूटैट’ (deputat ) भारत के एक विधायक के समतुल्य है।

सिंह ने कहा कि अगर चीन बांग्लादेश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित करता है तो भारत कैसी प्रतिक्रिया देगा? स्पष्ट है कि भारत इसे किसी हाल में पसंद नहीं करेगा। इसी तरह नाटो रूस के खिलाफ बनाया गया था और सोवियत संघ के टूटने के बावजूद यह विघटित नहीं हुआ। यह धीरे-धीरे रूस के करीब आ गया। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है तो यह नाटो बलों को हमारे करीब लाएगा, क्योंकि यूक्रेन हमारा पड़ोसी देश है। यह समझौते का उल्लंघन होगा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी संसद के पास कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसी कारण यूक्रेन पर हमला किया गया।

परमाणु हमले की अटकलों को खारिज किया
भारतीय मूल के रूसी विधायक डॉ. सिंह ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के अभ्यास का उद्देश्य किसी अन्य देश द्वारा रूस पर हमला करने पर जवाब देना था। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। राष्ट्रपति पुतिन ने घोषणा की है कि परमाणु अभ्यास केवल उन लोगों को जवाब देने के लिए था, जो रूस पर हमला करने की मंशा रखते हैं। यदि कोई अन्य देश हम पर हमला करता है, तो रूस सभी रूपों में जवाब देगा। भारतीय छात्रों पर यूक्रेन में हमलों को लेकर डॉ. सिंह ने कहा कि हो सकता है यह बदला हो, क्योंकि भारत यूक्रेन का समर्थन नहीं कर रहा है।

मूल रूप से पटना के हैं डॉ. अभय सिंह
डॉ. अभय कुमार सिंह मूल रूप से पटना के मूल निवासी हैं। वह 30 साल पहले 1991 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस गए थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के लोयोला हाई स्कूल से की। स्नातक की पढ़ाई रूस के कुर्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से पूरी की। इसके बाद वे डॉक्टर के रूप में सेवाएं देने के लिए पटना लौट आए। हालांकि  कुछ समय बाद ही वे रूस लौट गए। वहां उन्होंने  खुद का दवा व्यवसाय शुरू किया। बाद में रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में कदम बढ़ाए।

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