चंडीगढ़।
हरियाणा में ई-टेंडरिंग को लेकर सरकार और सरपंचों के बीच चल रहे गतिरोध अब थमने वाला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरपंचों से चौथे दौर की वार्ता के लिए टाइम दे दिया है। सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। इस बार भी CM से मुलाकात से पहले DIG ओपी नरवाल सरपंचों से वार्ता करने के लिए MLA हॉस्टल पहुंच गए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री की सरपंचों के साथ मीटिंग होगी।
चौथे दौर की वार्ता के लिए मुख्यमंत्री के टाइम नहीं दिए जाने और सरकार की ओर से ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल पर यू-टर्न से साफ मना करने पर सरपंच नाराज हो गए थे। इसके बाद सरपंचों ने 17 मार्च को विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। सरपंचों ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार के साथ किसी भी मांग पर सहमति नहीं बनी तो वह 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे।
एक तो सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया कि राइट टू रिकॉल एक्ट को वापस नहीं लिया जाएगा। दूसरा, मुख्यमंत्री ने सरपंचों को 2 लाख की बजाए 5 लाख रुपए की पावर देने पर भी सहमति जता दी थी, लेकिन इसमें शर्त लगा दी कि सरपंच साल में केवल पांच बार ही 5 लाख की शक्ति (25 लाख) का प्रयोग कर सकेंगे, जबकि सरपंच इसे 10 मौकों (50) देने पर अड़े रहे। सुबह सरपंचों ने इसी पर फैसला करके सरकार को बताना था, लेकिन सरपंचों में इसको लेकर सहमति नहीं बन सकी।
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