आज के समय में हर समस्या का समाधान है गीता:ज्ञानानंद महाराज 

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भिवानी:
स्थानीय कृष्णा कॉलोनी में शिक्षाविद ओपी नंदवानी के निवास स्थान पर पहुंचे गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज का भव्य स्वागत किया । इस अवसर पर गीता मनीषी ज्ञानेंद्र महाराज ने गीता संदेश पर बोलते हुए कहा कि गीता के द्वारा हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज गीता को घर-घर तक पहुंचने का हमारा लक्ष्य है और यह लक्ष्य तब साकार होगा ,जब हर घर में गीता को रखकर उसका पठन-पाठन होगा । कहा कि हर घर में गीता जबरदस्ती नहीं थोपी जाएगी ,बल्कि गीता हर घर में सम्मान के साथ रखी जाएगी, ताकि परिवार अपने बच्चों को गीता से जोड़ सके हैं। उन्होंने कहा कि आज केवल भारत देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर समस्याएं बढ़ रही हैं, आसक्ति बढ़ रही है, अशांति बढ़ रही है ,आशंकाएं बढ़ रही हैं और उलझनें बढ़ रही हैं ।
इसलिए इन सभी का समाधान गीता में ही निहित है। आज यदि बच्चों की बात की जाए तो बच्चों के अंदर टॉलरेंस पावर कम हो रही है, कॉन्फिडेंस नहीं बन पा रहा है। पहले शुरू में ही बच्चों की विल पावर परिवार के लोग बढाते थे ,लेकिन आज वह विल पावर खत्म हो रही है। इस विल पावर को यदि बढ़ाया जा सकता है तो गीता के अध्ययन के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।  विकट परिस्थितियों में गीता एक समाधान है और मन  को मजबूत करने का एक सबसे बड़ा उपाय है । यदि हमने आज हमारे संस्कार और संस्कृति और परंपरा को सुरक्षित रखना है ,तो गीता का अध्ययन बहुत जरूरी है। कहा कि हरियाणाा की भूमि पर गीता का उपदेश भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था। कहा कि गीता उत्सव के माध्यम से गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।  इस मौके पर गीता मनीषी व जीओ गीता के उपदेशक ज्ञानानंद महाराज ने भिवानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि गीता को पढऩा हिंदु धर्म को फैलाना नहीं है, जबकि गीता के 700 श्लोकों में हिंदु शब्द नहीं है। बल्कि गीता का उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण करना हैं।
     गीता के परिस्कृत रूप जीयो गीता के बारे में पूछे गए प्रश्र के बारे में ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि जीओ गीता का उद्देश्य गीता को पढऩा मात्र नहीं, बल्कि गीता के उपदेशों को जीना हैं। उन्होंने कहा कि जीओ गीता पढऩे वाले छात्र आत्मविश्वास व एकाग्रता करने मे सक्षम होते है, वही जीयो गीता पढऩे वाले अध्यापक शिक्षा देने की औपचारिता नहीं, बल्कि छात्रों के जीवन उत्थान का कार्य करते हैं। वही जीयो गीता पढऩे वाले चिकित्सक रोगी के आंतरिक भावना को समझकर रोगी के मनोबल व उसकी शारीरिक क्षमता को ऊंचा उठाने का कार्य करने में सक्षम हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि गीता के प्रचार-प्रसार के लिए देश व प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, चिकित्सालयों, जेलों व सार्वजनिक स्थानों पर उनका जाना हुआ। जहां पर जीयो गीता की शिक्षा पाकर लोगों ने अपना जीवन बदला। जेल में कैदियों के जीवन पर गीता का अद्भुत प्रभाव पड़ा। नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए गीता को ब्रेन लिपि में पढ़ाने जाने का कार्यक्रम शुरू किया गया हैं।
     उन्होंने कहा कि गीता में स्पष्ट लिखा है कि मनुष्य आप ही अपना मित्र है तथा आप ही अपना शत्रु है। ऐसे में उठो-जागो का संदेश देकर गीता ने मानव जीवन को ऊंचा उठाने का कार्य किया हैं। गीता के प्रथम पाठन से मनुष्य का चारित्रिक व मानवीय मूल्यों का विकास होता हैं।   के जीवन पर गीता का अद्भुत प्रभाव पड़ा। नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए गीता को ब्रेन लिपि में पढ़ाने जाने का कार्यक्रम शुरू किया गया हैं।
     उन्होंने कहा कि गीता में स्पष्ट लिखा है कि मनुष्य आप ही अपना मित्र है तथा आप ही अपना शत्रु है। ऐसे में उठो-जागो का संदेश देकर गीता ने मानव जीवन को ऊंचा उठाने का कार्य किया हैं। गीता के प्रथम पाठन से मनुष्य का चारित्रिक व मानवीय मूल्यों का विकास होता हैं।  इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ओपी यादव,समाजसेवी एवं गीता प्रेमी ओपी नंदवानी,डॉक्टर विनोद अंचल,चंद्रप्रकाश डेरी वाला,,,खुशहाल ग्रोवर,अनिल गौड़, डॉक्टर अनिता अंचल,विनोद कुमार ,विनोद गाबा,विनोद छाबड़ा,जवाहर मिताथल,दीवानचंद ,पवन अंचल,मुरलीधर शास्त्री, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता अशोक कुमार भारद्वाज, प्रवीण चावला,समाजसेवी नरेश गर्ग मंडी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।जिनको गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने गीता जयंती और अष्टादश श्लोक उच्चारण के लिए विशेष जिम्मेदारी दी।
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