चंडीगढ़।
GST संग्रह में हरियाणा देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीने (अप्रैल-सितंबर) में, राज्य का कुल कर संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 27,155 करोड़ रुपए की तुलना में 32,076 करोड़ रुपए हो गया है, जो 18.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इस अवधि के दौरान, वैट का संग्रह 5,568 करोड़ रुपए था। IGST निपटान और SGST मुआवजे सहित SGST संग्रह 20,670 करोड़ रुपए था, जो 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। उत्पाद शुल्क संग्रह 5,757 करोड़ रुपए था, जो 16.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने इसके लिए अधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि GST कलेक्शन में हुई वृद्धि प्रदेश की आर्थिक प्रगति को तो दर्शाती है ही, साथ ही यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है। वहीं, इससे यह भी साबित होता है कि देश में एक देश-एक कर की अवधारणा पर लागू GST प्रणाली बेहद कारगर है। GST की प्रक्रिया सरल होने से न केवल उद्यमियों को फायदा पहुंचा है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा आबकारी एवं कराधान विभाग के आधारभूत ढांचे को मजबूत एवं आधुनिक किया जा रहा है। विभाग में कर संग्रह के कार्यों में डिजिटलाइजेशन को अपनाया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि राजस्व को अधिकतम करने के साथ ही लीकेज को कम किया जाए। साथ ही, राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित 57,931 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित करने के लक्ष्य को पूरा किया जाए।
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