नप अधिकारियों के खिलाफ फूटा गौरक्षकों का गुस्सा, पुतला फूंक जताया रोष

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भिवानी :

भिवानी नगर परिषद द्वारा बेजुबान घायल जानवरों के ईलाज के लिए गौरक्षकों को मुहैया करवाई गई एंबुलैंस पिछले एक माह से खराब स्थिति में पड़ी है, जिसको ठीक करवाने की मांग को लेकर पिछले एक माह से गौरक्षकों द्वारा बार-बार गुहार लगाई जा रही है, लेकिन नगर परिषद के अधिकारी बेजुबान जानवरों के ईलाज की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे। जिसके विरोध रूवरूप गौरक्षा दल के प्रधान संजय परमार द्वारा स्थानीय नगर परिषद कार्यालय के समक्ष धरना दिया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को धरने के दूसरे दिन गौरक्षकों ने नगर परिषद ईओ का पुतला फूंका तथा रोष जताया।
इस मौके पर गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने कहा कि नगर परिषद द्वारा घायल जानवरों के ईलाज के लिए दी गई एंबुलैंस को ठीक करवाने, 24 घंटे ड्राईवर की सुविधा, नगर परिषद की तरफ से 24 घंटे पशु चिकित्सक की सुविधा देने की मांग को लेकर गौरक्षकों द्वारा बीते 15 नवंबर को सांकेतिक धरना दिया था। उस समय नप ईओ ने तीन दिन में मांग माने जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, जिसके रोष स्वरूप गौरक्षकों को संघर्ष की राह अपनानी पड़ी।

उन्होंने कहा कि उक्त मांगों के समाधान के लिए नगर परिषद के वाईस चेयरमैन सतेंद्र मोर द्वारा बुधवार को गौरक्षकों व अतिरिक्त उपायुक्त की वार्ता बैठक करवाई गई, जिसमें भी एडीसी ने स्पष्ट तौर पर गौरक्षकों की मांगें माने जाने से इंकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान एडीसी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गौरक्षकों की कोई भी मांग नहीं मानी जाएगी तथा प्रशासन अब अपने स्तर पर घायल जानवरों का ईलाज करवाएगा। परमार ने आरोप लगाया कि एडीसी ने गौरक्षकों पर मुकदमा दर्ज करवाने की भी बात कही, जिसके विरोध स्वरूप गौरक्षक वीरवार से क्रमिक अनशन शुरू करेंगे।
संजय परमार ने कहा कि गौरक्षकों के धरने को देखते हुए भिवानी प्रशासन ने गौरक्षकों के रोष को कम करने के उद्देश्य से एक हैल्पलाईन नंबर जारी किया था, लेकिन उस हैल्पलाईन नंबर पर फोन करने पर अधिकारी घायल जानवरों का ईलाज करने से स्पष्ट मना कर रहे है। उन्होंने कहा कि उनका ठेका स्वस्थ पशु को उठाने का है, घायल जानवरों के ईलाज के लिए नहीं।

उन्होंने कहा कि रात के समय घायल जानवरों के ईलाज की व्यवस्था नहीं है। परमार ने कहा कि विभाग ने ड्राईवर तो मुहैया करवा दिए, लेकिन एंबुलैंस ही खराब पड़ी है। ऐसे में खाली ड्राईवरों का क्या औचित्य बनता है। परमार ने कहा कि नगर परिषद व भिवानी जिला प्रशासन बार-बार गौरक्षकों के सेवा कार्य में बाधा डालने का कार्य करते है, जिसके बाद मजबूरन गौरक्षकों को संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही गौरक्षकों की मांगों को पूरा किया जाए, नहीं तो वे मजबूरन अपना संघर्ष तेज करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि गौरक्षकों की सेवा के बीच कोई भी अधिकारी या नेता आया तो उसका विरोध जताया जाएगा। इस मौके पर दिनेश, साहिल, लवकेश, काकू, पालू, मोहन, नीटू, रणधीर बापोड़ा, राहुल, गौरव, सन्नी, चिराग सहित अनेक गौरक्षक मौजूद रहे।

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