पानीपत।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर को 2 लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर से खुलासा हुआ है कि ये रुपए सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और क्लर्क तक पहुंचाए जाने थे। फिलहाल दोनों आरोपी डॉक्टर व क्लर्क फरार है, जिनकी धरपकड़ में टीमें जुटी हुई है।आरोपियों के खिलाफ करनाल ACB थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
FIR दर्ज न करवाने की एवज में ले रहे थे रुपए
अंबाला एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पानीपत के आधार अस्पताल के संचालक डॉक्टर विशाल मलिक को गिरफ्तार किया है। वहीं, मामले में सरकारी अस्पताल का डॉक्टर पवन कुमार और क्लर्क नवीन कुमार फरार है। इन आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा बरसत रोड पर संचालित किए जा रहे इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर का जनवरी माह में निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ता पर FIR दर्ज न करवाने व जारी किए गए नोटिस को फाइल करवाने के बदले में 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। एसीबी की टीम में मामले की पुष्टि करते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाई। जिनमें से निजी अस्पताल के डॉ. विकास मलिक को 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया। रिश्वत की यह राशि डॉ. विकास मलिक के माध्यम से अन्य दोनों आरोपियों डॉ पवन कुमार व क्लर्क नवीन कुमार तक पहुंचाई जानी थी।
ब्यूरो द्वारा इस मामले में जल्द ही इन दोनों आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ की गई।
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