चंडीगढ़।
हरियाणा में CM नायब सैनी की अगुआई वाली सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर पेंच फंस गया है। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शपथ लेने को तैयार नहीं हैं। उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है।
वहीं अब अहीरवाल क्षेत्र के एक बड़े नेता ने अपने इलाके से 2 विधायकों को मंत्री बनाने की मांग उठा दी है। वह इसको लेकर अड़ गए हैं। राजभवन में पहले हलचल घटी थी और मंत्रियों के लिए मंगाई गाड़ियां भी लौटा दी गई थी। हालांकि अब फिर से हलचल बढ़ गई है। हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी टीएसएन प्रसाद राजभवन पहुंच गए हैं। इससे पहले वह सीएम नायब सैनी से मिले थे। गुरुग्राम से विधायक सुधीर सिंगला राजभवन पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार का 11 बजे का टाइम था, लेकिन अब आगे बढ़ गया है। मुझे लगता है कि ढ़ाई बजे तक इसका इंतज़ार करना चाहिए।
केंद्र की सलाह, विवाद हो तो टाल दें विस्तार
सूत्रों के मुताबिक इसके बाद सीएम सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से बात की। जिसके बाद उन्हें सलाह दी गई है कि अगर कोई विवाद हो तो फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार के बजाय वह पहले शपथ ले चुके 5 मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर काम चलाएं। केंद्र किसी भी सूरत में लोकसभा चुनाव से पहले किसी तरह का विवाद नहीं चाहता।
इसी बीच राजभवन में नए मंत्रियों को मिलने वाली 5 गाड़ियां भी पहुंची थी, लेकिन फिलहाल उन्हें गेट से ही वापस कर दिया गया है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार को लोकसभा चुनाव तक टाला जा सकता है।
हरियाणा में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री बन सकते हैं। अभी तक CM और 5 मंत्री शपथ ले चुके हैं। 8 मंत्रियों के लिए जगह खाली है। सरकार ने संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा हुआ है। मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो भाजपा के कई विधायकों के साथ ही निर्दलीय विधायकों की भी सैनी के मंत्रिमंडल में एंट्री हो सकती है। इसके साथ मंत्रियों को विभागों का बंटवारा भी साथ के साथ हो जाएगा।
वहीं, हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नयन पाल रावत को भी मंत्री बनाया जा सकता है। निर्दलीय रणधीर गोलन व धर्मपाल गोंदर में से भी किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके साथ जिस निर्दलीय विधायक को मंत्री नहीं बनाया जाएगा, उन्हें चेयरमैन बनाया जा सकता है।
विधायक दल की बैठक से नाराज होकर अपने घर गए पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। भाजपा नेता उन्हें मनाने में लगे हुए हैं। यूं तो यह भी चर्चा है कि उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है और जो विभाग तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास थे, उनमें से कुछ विभाग विज को दे दिए जाएं, मगर गृह विभाग उन्हें न मिल पाए।
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