Jewar Airport: ग्रेटर नोएडा के पास स्थित जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए हुए भूमि अधिग्रहण ने क्षेत्र के किसानों की जिंदगी बदल दी है। इस अधिग्रहण से अब तक 7,000 किसानों को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मिल चुका है। मुआवजे के रूप में मिली यह राशि न केवल किसानों के आर्थिक हालात में सुधार लाई है, बल्कि उनके रहन-सहन और जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव आया है। आज इन किसानों के घर आलीशान हो गए हैं और उनके पास सभी प्रकार की आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजे का वितरण
अब तक दो चरणों में कुल 2420 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके एवज में किसानों को 8016 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया है। इस प्रक्रिया के तहत, पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई थी, जिसमें से 3000 किसानों को 3688.40 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया। इस मुआवजे का वितरण 2019 में किया गया था। वहीं, दूसरे चरण में 1181.2793 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया और 4328 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में किसानों को दिए गए हैं।
किसानों के जीवन में बदलाव
मुआवजा मिलने के बाद, किसानों ने अपनी स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार किया है। मुआवजे के पैसे से कई किसानों ने नए घर बनाए हैं और पुराने घरों को आलीशान बना दिया है। इसके अलावा, बहुत से किसानों ने अपनी नई जीवनशैली के अनुसार गाड़ियां खरीदी हैं। रोही गांव के करीब 200 किसानों ने कार खरीदी हैं, जबकि 100 किसानों ने बुलेट खरीदी। किसानों का बुलेट के प्रति रुझान इतना बढ़ा कि कंपनी ने गांव में कैंप लगा दिया और घर पर ही डिलीवरी दी।
व्यवसाय में बदलाव
मुआवजे के बाद, कई किसानों ने नए व्यवसाय की शुरुआत की है। कुछ किसानों ने दुकानें खोली हैं, तो कुछ ने अन्य प्रकार के छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं। इसके साथ ही, किसानों के लिए वित्तीय सुरक्षा भी बढ़ी है, जिससे उन्हें अपने भविष्य के लिए योजनाएं बनाने का अवसर मिला है।
आगामी योजना और मुआवजा वितरण
वर्तमान में, एयरपोर्ट के विस्तार के लिए तीसरे चरण की तैयारी चल रही है, जिसमें 14 गांवों के करीब 12,000 किसानों से 2084 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी मुआवजे का वितरण बाकी है। सेक्टर-10 के लिए 52.97 हेक्टेयर, म्याना की 204.62 हेक्टेयर और एक अन्य गांव की 48.45 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है, लेकिन इन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।