भिवानी, एक ऐसा गांव जिसमें आपसी भाईचारा चुनावी रंजिश से खूनी खेल में बदला, हो चुकी है 6 हत्याऐं

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भिवानी हलचल, अभय ग्रेवाल।

गांव बडेसरा में साल 2०17 से ऐसा खुनी खेल शुरू हुआ कि हरियाणा स्टाईल सर्कल कबड्डी का खेल गांव से पहचाने रखने वाला गांव की पहचान ने भी दम तोड़ दिया। वर्ष 2०16 के पंचायत चुनाव में गांव के दो पक्षों के बीच वोटिंग के दौरान हुई आपसी कहासुनी से गांव में ऐसी रंजिश हुई कि अब तक 6 लोगों की हत्या हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2017 के पंचायत चुनाव से गांव में दोनों परिवारों का एक अच्छ भाईचारा था,लेकिन फिलहाल एक दूसरे के दूश्मन बने हुए है।
बड़ेसरा में वर्ष 2०16 में बबलू की पत्नी सुदेश सरपंच बनी थी। बड़ेसरा निवासी बलजीत ने गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी और सुदेश के दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्र की जांच करवाई। जिसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। उसके बाद सुदेश देवी को सरपंच का पद गवाना पड़ा था। इसके बाद से सुदेश देवी के पति बबूल व बलजीत परिवार के बीच चुनावी रंजिश शुरू हो गई थी। बबूल पक्ष ने वर्ष 2017 में बलजीत, उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की हत्या कर दी थी। इसके बाद अक्तूबर 2019 में बलजीत पक्ष के पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में मृतक बलजीत के ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली माकर हत्या कर दी गई थी। बबलू पक्ष के लोग बलजीत पक्ष के पांच सदस्यों की हत्या कर चुके हैं तो वहीं घटना के गवाह राजकुमार पर भी गोलियां बरसाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसकी बड़ी मुश्किल से जान बची थी। पुलिस ने मामलों में आरोपी बबलू समेत उसके पक्ष के दो दर्जन से भी ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन बुधवार को बबूल पक्ष के महेंद्र की बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि अजीत उर्फ बालिया तीन गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल है और उसका ईलाज हिसार के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। मृतक महेंद्र के भाई ने बलजीत पक्ष के लोगों पर ही महेंद्र की हत्या करने के आरोप लगाए है। इस तरह से बड़ेसरा में छह साल पहले शुरू हुई खूनी रंजिश में अभी तक छह लोगों की हत्या हो चुकी है।
बलजीत पक्ष की तरफ से तो अधिकतर परिवार गांव छोड़ चुके है और न ही अपनी जमीन पर खेती कर पा रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि बलजीत पक्ष के सिलक राम ही अब तक गांव की अपनी जमीन पर खेती करते थे। लेकिन उन्होंने भी अबकि बार पुलिस की मौजूदगी में अपनी धान की कटाई की थी। गांव में छह साल पहले दो परिवारों के बीच शुरू हुई खूनी रंजिश छह हत्याएं होने के बाद भी शांत नहीं हो पा रही है। ग्रामीण व प्रशासन हस्तक्षेप कर दोनों परिवारों की इस रंजिश को कानूनी व सामाजिक रूप से खत्म करवाने में अभी तक नाकामा रहे हैं। यहीं कारण है कि आए दिन जब भी मौका मिलता है हमलावर इसी खूनी रंजिश को किसी न किसी का मर्डर कर हवा देते है। इससे दोनों परिवारों के दिलों में सुलगी एक-दूसरे के प्रति रंजिश की आग और तेज होती है। इस रंजिश के चलते गुरुवार को बबलू पक्ष के महेंद्र व अजीत पर बाइक सवारों से गोलियां बरसाई। जिसमें महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई थी तथा गंभीर रूप से घायल अजीत हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल है। ऐसे माहौल में गांव बडेसरा के आस-पास लगने वाले गांव के मौजिज लोगों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों की सुलह करवानी चाहिए, ताकि हत्याओं का सिलसिला रूक सके। तथा गांव बडेसरा में आपसी भाईचारा व शांति रहे।

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