भिवानी।
बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी चौ. सुरेन्द्र सिंह मैमोरियल चिडिय़ा घर भिवानी में नि:शुल्क आने का सुनहरी अवसर है। वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा एक से सात अक्टूबर तक वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित चौ. सुरेन्द्र सिंह मैमोरियल चिडिय़ा घर में आने वालों की कोई फीस नही लगेगी, नि:शुल्क आने के लिए सात अक्टूबर अंतिम तारीख है।
उल्लेखनीय है कि बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी देश व विदेश के वन एवं वन्य जीवों को देखने और उनके बारे में जानकारी हासिल करने की उत्सुकता होती है। विशेषतौर पर छोटे बच्चे इसके लिए लालायित होते हैं। जब भी छोटे बच्चों को कहीं पर कोई रंग-बिरंगे पक्षी दिखाई देते हैं तो उनका मन एक दम खिल उठता है। दुर्लभ वन एवं वन्य जीव प्रजातियों की सुरक्षा और लोगों को उनके बारे में जानकारी देने के लिए चिडिय़ा घर स्थापित किए गए हैं। इसी कड़ी में वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा एक से सात अक्टूबर तक वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है।
वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह के आयोजन के माध्यम से बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी वन एवं वन्य जीवों के बारे में नि:शुल्क जानकारी हासिल करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है, जिसकी अंतिम तारीख सात अक्टूबर है। स्थानीय चिडिय़ा घर में अच्छे खासे लोग वन जीव व देश-विदेश के पक्षियों की जानकारी लेने के लिए आ रहे हैं।
शेर, भालू, लोमड़ी और मगरमच्छ हैं भिवानी चिडिय़ा घर के मुख्य आकर्षण केंद्र
भिवानी में लघु सचिवालय ठीक सामने लघु चिडिय़ा घर में अनेक देश-विदेश के रंग-बिरंगे दुर्लभ पक्षी हैं। लेकिन यहां पर मगरमच्छ-घडिय़ाल, शेर, भालू, दरियाई घोड़ा, हिरण-चीतल, लोमड़ी मुख्य आकर्षण का केंद्र है। चिडिय़ा घर में यदि आप आएंगे तो आपकों यहां पर राजकीय पक्षी काला तीतर, तेदुंआ, बॅइया, सफेद मोर, विभिन्न प्रजातियों के तोते, विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे सुंदर पक्षी आदि देखने को मिलेंगे।
वन्यजीव सप्ताह मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को प्रकृति से जोडऩा, मानव के अंदर संरक्षण की भावना पैदा करना एवं वन्यजीव व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक करना है।
– ज्योति कुमार, निरीक्षक वाइल्ड लाइफ।
वन्यजीव पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है:डीसी
वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। हमें हमेशा प्रत्येक वन्यप्राणी, पशु-पक्षियों और पौधों को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। प्रकृति के अनुसार मानव, पर्यावरण और वन्यजीव एक-दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। वन्यजीव पर्यावरण का एक अभिन्न अंग हंै। वन एवं वन्य जीव विभाग ने वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से वन एवं वन्य जीवों के बारे में जानकारी देने का अच्छा अवसर दिया है।
-नरेश नरवाल, उपायुक्त।