पीआईडी बंद होने से लोग परेशान तो नगर परिषद और प्रशासन को राजस्व का घाटा: हर्षदीप डुडेजा
अतिरिक्त उपायुक्त को दिया ज्ञापन
भिवानी हलचल 01.06.2021
जमीन या मकान खरीदने अथवा बेचने के लिए नगर परिषद से पीआईडी लेनी होती है। पीआईडी मिलने के बाद ही प्रोपर्टी की रजिस्टरी हो पाती है। दूसरे शब्दों में कहे तो पीआईडी नगर परिषद के लिए राजस्व पाने का एक बड़ा स्त्रोत भी है। क्योकि पीआईडी जारी करने से पहले नगर परिषद इसकी फीस के साथ बकाया टैक्स भी वसुलती है। दूसरे, पीआईडी के बाद प्रशासन को रजिस्टरी फीस के रूप में भी राजस्व मिलता है। लेकिन पिछले एक लम्बे समय से जिला प्रशासन ने पीआईडी बंद की हुई है। पीआईडी बंद क्यों की गई, इसका जबाव किसी के पास भी नहीं है। पीआईडी खुलवाने को लेकर आज मंगलवार को भाजपा के स्थानीय निकाय के जिला संयोजक पार्षद हर्षदीप डुडेजा ने अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल को ज्ञापन सौंपा। अतिरिक्त उपायुक्त नरवाल ने उनको आश्वासन दिया कि वें इस बारे में डीसी से बात कर हल निकालवायेंगे। भाजपा पार्षद हर्षदीप डुडेजा ने बताया कि पीआईडी बंद होने के कारण लोग परेशान हैं। जिन आम आदमी ने अपनी जमीन बेच कर अग्रीम राशि ले रखी है, उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योकि बेची गई प्रोपर्टी की पीआईडी बंद होने के कारण रजिस्टरी नहीं हो पा रही है और उसके पैसे का लेनेदेन रूका हुआ है। उन्होने बताया कि कोरोना महामारी के कारण एक तो पहले से ही बाजार में पैसे का लेन-देन कम है और दूसरे पीआईबी बंद होने के कारण बाजार लचर गया है। साथ ही प्रशासन और नगर परिषद को राजस्व की सीधे रूप से हानि हो रही है। उन्होने कहा कि अफसोस इस बात का है कि जिला प्रशासन द्वारा पीआईबी खोलना तो दूर अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होने कहा कि वें इस बारे में उच्चाधिकारियों से बात करेंगे और मुख्यमंत्री मनोहरलाल को वास्तविक हालातों से वाकिफ करवायेंगे।