मुख्यमंत्री के दौरे से बाढ़ राहत कार्य को मिलेगी और तेज गति-जेपी दलाल

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भिवानी।

दो से चार अप्रैल को प्रस्तावित जन-संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल आमजन की समस्याएं जानने व उनका समाधान करने के साथ-साथ खेतों में जल भराव की समस्या से निजात के लिए किए जा रहे कार्यों की न केवल जानकारी ले सकते हैं बल्कि मौके पर जाकर निरीक्षण भी कर सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के दौरे से बाढ़ राहत के लिए किए जा रहे कार्यों को और तेज गति मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल द्वारा हाल ही में जिला के लो-लाईन क्षेत्र के खेतों से जलभराव की समस्या से निजात के लिए करीब 80 करोड़ रुपए की राशि मंजूर करवाई गई है, जिसमें जिला में यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत आने वाले गांवों में लगभग 48 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं तथा शेष राशि लोहारू जल सेवाएं मंडल द्वारा उसके क्षेत्र में आने वाले खेतों से पानी निकासी में खर्च की जाएगी। जल भराव वाले अधिकांश गांव लगभग उसी क्षेत्र में हैं, जहां पर मुख्यमंत्री का जन-संवाद कार्यक्रम प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल दो से चार अप्रैल तक हल्का बवानीखेड़ा, तोशाम व भिवानी में दौरा प्रस्तावित है। अभी तक प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार मुख्यमंत्री गांव खरक, कलिंगा, चांग, भिवानी शहर, बवानीखेड़ा कस्बा, धनाना, बलियाली, बापोड़ा, दिनोद, तोशाम, संडवा व कैरू में जाएंगे। इसके अलावा गांव तिगड़ाना को भी जन संवाद कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री जन-संवाद कर ग्रामीणों की समस्या सुनेंगे और उनका मौके पर ही समाधान करेंगे। गांव खरक, कलिंगा, धनाना व तिगड़ाना में जन-संवाद कार्यक्रमों के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित विभागों के जिलाधिकारियों से बाढ़ राहत कार्यों की मौके पर ही समीक्षा किए जाने की पूरी-पूरी संभावना है, जिसको लेकर उपायुक्त नरेश नरवाल द्वारा भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अभी हाल ही में खेतो से बरसाती पानी की समस्या का स्थाई समाधान हेतू जिला के लिए 80 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें लोहारू जल सेवाएं परिमंडल के लिए करीब 27 करोड़ 64 लाख रुपए शामिल हैं। शेष राशि यमुना जल सेवाएं परिमंडल के लिए मंजूर की गई है। इस योजना में सीधेतौर पर 13 गांवों की 21 हजार 985 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाया जाएगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ होगा। गांवों में जमा होने वाले बरसाती पानी को पाईप लाईन के माध्यम से नजदीकी ड्रेन में डाला जाएगा।
इसमें गांव खरक खुर्द क्षेत्र की करीब 2500 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाने के लिए एक करोड़ 24 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।गांव चांग क्षेत्र की करीब 2917 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाने के लिए तीन करोड़ 33 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। खरक, कलिंगा, बोंद, नीमड़ी, जयश्री आदि गांवों की 2917 खेती योग्य भूमि को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। गांव कलिंगा, सैय, रिवोड़ी खेड़ा, कालुवास, पाजू और सिंघानी की करीब 13 हजार 651 एकड़ खेती योग्य भूमि से बारिश की निकासी पर 21 करोड़ 95 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी प्रकार से गांव सिंघानी और गांव पाजू में बड़े तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा।

यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत खेतों से पानी की निकासी पर होंगे 48 करोड़ रुपए खर्च
जिला में यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत आने वाले गांवों में लगभग 48 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं। सिंचाई विभाग द्वारा मार्च में टेंडर लगा दिए गए हैं। फसल कटने के साथ-साथ इन परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया जाएगा। यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत करीब पांच हजार एकड़ भूमि से पानी की निकासी का स्थायी प्रबंध किया जाएगा। गांव मुंढाल में करीब 1500 एकड़, मिताथल में करीब 400 एकड़, बडेसरा में करीब 400 एकड़, तिगड़ाना में करीब 300 एकड़, प्रेम नगर में करीब 200 एकड़, सिवाड़ा में करीब 300 एकड़, कुंगड़ में करीब 400 एकड़ तथा गांव तालू की करीब 400 एकड़ भूमि में बरसाती पानी की निकासी प्रबंध किया जाएगा।
विगत वर्ष मंजूर हुआ यह प्रोजेक्ट अब 30 जून को पूरा होने वाला है
सिंचाई विभाग द्वारा ऐसे आधा दर्जन से अधिक गांवों की करीब 2500 एकड़ भूमि से बरसात से जमा होने वाले पानी की स्थायी निकासी का प्रबंध किया जा रहा है, जो कि विगत वर्ष मंजूर हुआ था। इस कार्य पर विभाग के लगभग साढ़े 17 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मानसून के दौरान भिवानी के साथ लगते गांव घुसकानी में करीब 150 एकड़, मिताथल में लगभग 500 एकड़, मुंढाल में सवा सौ एकड़, गुजरानी में 200 एकड़ से अधिक, लोहारी जाटू में 400 एकड़ से भी अधिक और तिगड़ी में भी 700 से भी अधिक एकड़ में जलभराव हो जाता है।
कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां मानसून के दौरान तालाब ओवरफ्लो हो जाते हैं। इससे पानी आसपास के घरों के सामने खड़ा हो जाता है। इससे लोगों को घरों से बाहर निकलना दूभर हो जाता है। सिंचाई विभाग ने प्रथम चरण में इसी इलाके के चार गांवों को विशेषरूप से शामिल किया है, जिसमें मुंढाल खुर्द, मुंढाल कलां, बांडाहेड़ी और तालू शामिल हैं। इनमें इसी साल जून माह के अंत तक काम पूरा कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ले सकते हैं बाढ़ राहत कार्यों का जायजा: डीसी नरेश नरवाल
डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि जिला में खेतों से बरसाती पानी निकासी के लिए मंजूद बाढ़ राहत परियोजनाओं पर सिंचाई व अन्य संबंधित विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है। विगत वर्ष मंजूर हुई परियोजनाएं इसी महीने जून में पूरी हो जाएगी तथा अभी हाल ही में सरकार द्वारा मंजूद परियोजनाओं के टेंडर लगा दिए गए हैं। फसल कटते ही खेतों के खाली होने पर परियोजनाओं पर युद्घ स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा। कुछ गांवों में तालाबों की छटाई व खुदाई का काम भी करवाया जा रहा है। जन संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री इन बाढ़ राहत परियोजनाओं की मौके पर ही समीक्षा कर सकते हैं। इसको लेकर संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं ताकि वे मुख्यमंत्री को अब तक हुए कार्यों की सही ढ़ंग से पूर्ण जानकारी दे सकें।

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