पानीपत।
पानीपत में अविश्वास प्रस्ताव देख भाजपा की जिला परिषद चेयरपर्सन ने इस्तीफा दे दिया है। ज्योति शर्मा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई मीटिंग में आई। थोड़ी देर मौजूद रहने के बाद पर्याप्त वोट न देख वह मीटिंग से उठकर बाहर आ गई और इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
इस्तीफे के बाद ज्योति शर्मा ने कहा-” मैं अपना इस्तीफा देकर मीटिंग से बाहर आई हूं। मैंने CM मनोहर लाल खट्टर से बात की थी। सीएम के कहने पर इस्तीफा दिया। वह मुझे कोई नई जिम्मेदारी देंगे।” चेयरपर्सन की कुर्सी छीने जाने को लोकसभा से पहले पानीपत में भाजपा को झटके के रूप में देखा जा रहा है।
सबसे पहले 25 जनवरी को 12 पार्षदों ने डीसी को एफिडेविट देकर चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। 29 जनवरी को डीसी ने अविश्वास प्रस्ताव पर 9 फरवरी की मीटिंग रखी। मगर, इसे टाल दिया गया। इसके बाद 21 फरवरी को फिर 6 पार्षद ने डीसी से मिलकर अविश्वास की तारीख तय करने की मांग की थी। मीटिंग नहीं हुई तो मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। जिसके बाद डीसी ने 6 मार्च को बैठक तय कर दी। अविश्वास प्रस्ताव की मांग करने वाले 12 पार्षद चेयरपर्सन के खिलाफ थे। तभी वाइस चेयरमैन सुरेश आर्य कांग्रेस में शामिल हो गए। ऐसे में उनके खिलाफ विरोधियों की संख्या 13 हो गई। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा और दूर हो गया।
3. 17 में से 6 वोट चाहिए थी, जुटा नहीं पाईं तो इस्तीफा
अविश्वास प्रस्ताव से कुर्सी बचाने के लिए ज्योति शर्मा को 17 में से 6 वोट की जरूरत थी। एक वोट उनकी थी। उन्हें उम्मीद थी कि बाकी 5 वोट भी जुट जाएंगे। हालांकि वाइस चेयरमैन के कांग्रेस में शामिल होने से सारा खेल बिगड़ गया। जिसके बाद उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से हटने की जगह खुद ही इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने को मजबूर हुई ज्योति शर्मा ने कहा कि चेयरपर्सन की सीट कीचड़बाजी है। मुझे भी इससे छुटकारा चाहिए था। हार जीत राजनीति में चलती रहती है। मैं अब इस सीट को अपने योग्य नहीं मानती।
अपने आस-पास की खबरे देखने के लिए हमारा youtube चैनल Subscribe करे ubscribe करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://www.youtube.com/bhiwanihulchal