चंडीगढ़।
हरियाणा में लोकसभा टिकटों पर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के पैनल में 3 सीटें ऐसी हैं, जिन पर एक से अधिक दावेदार हैं। पार्टी के नेता अपने-अपने दावेदारों को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि अब टिकट नहीं मिलने के कारण दावेदार भी घर बैठ गए हैं। जिन टिकटों में विवाद हो रहा है उनमें भिवानी-महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम भी है।
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर किरण चौधरी की बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भी दावेदार हैं। इनकी टिकट के लिए कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस के विधायक राव दान सिंह के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड़्डा पैरवी कर रहे हैं।हाल ही में टिकट को लेकर पेंच फंसने के दौरान तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी दिल्ली पहुंची थी, जहां उन्होंने सोनिया गांधी से श्रुति की टिकट को लेकर चर्चा की थी। हालांकि वहां से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था। जिसके बाद वह अब घर बैठ गई हैं।इस बीच श्रुति ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर दो लाइन लिखी हैं। जिसके सियासी जानकार कई मायने लगा रहे हैं। उन्होंने लिखा-‘ आपके कीबोर्ड में S और F के बीच में है वो, जिनकी इस लोकसभा भिवानी-महेंद्रगढ़ से हार होने वाली है।’ S और F के बीच में D आता है।
डी से धर्मवीर सिंह भी हैं, जो भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं और वहीं दान सिंह भी हैं, जो कांग्रेस विधायक हैं और उनके स्थान पर टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में अब सियासी जानकार यह कह रहे हैं कि श्रुति एक तीर से दो निशाने लगा रही हैं।हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा न करने का असर दिखने लगा है। कांग्रेस राज्य में 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एक कुरुक्षेत्र सीट I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत AAP को दी गई है। 9 सीटों में से सिर्फ 2 ही सीटों पर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार प्रचार कर रहे हैं। इनमें दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा शामिल हैं।
दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। वहीं सैलजा की सिरसा सीट से टिकट तय मानी जा रही है, लेकिन अंबाला से भी उनकी दावेदारी है। बाकी 7 सीटों पर नेता घर बैठकर टिकट की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अभी भी टेंशन है कि उनके आका टिकट दिला पाएंगे या नहीं, इसी वजह से वह अभी प्रचार में मेहनत और रुपया खर्च करने से बच रहे हैं। हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल से नामांकन शुरू होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास अब महज 5 ही दिन का वक्त बचा है।
हरियाणा कांग्रेस में अभी 2 गुट चल रहे हैं। इनमें एक गुट पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का है। जिनकी प्रधान उदयभान के जरिए संगठन पर भी पकड़ है। दूसरा ग्रुप कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का है। हुड्डा ग्रुप ने संगठन के जरिए जो नाम भेजे, उनसे सैलजा-सुरजेवाला सहमत नहीं हुए। इसी वजह से टिकटों में शुरुआती दौर में पेंच फंसा।
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