चंडीगढ़।
हरियाणा में बुजुर्गों की पेंशन रोकने के आरोपों को नकारते हुए प्रदेश सरकार ने कहा कि पिछले सात साल में ना केवल सामाजिक पेंशन में ढाई गुना बढ़ोतरी की है बल्कि पेंशन भोगियों की संख्या भी 2015 के मुकाबले दोगुनी हो गई है। वर्ष 2015 में 15,55,440 लाभार्थियों को एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी और जबकि आज लाभार्थियों की संख्या 28,57,529 हो गई है और पेंशन एक हजार से बढकर ढाई हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा बुढ़ापा पेंशन समय पर दी जा रही है और पेंशन को खत्म नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि जिन्हें अभी पेंशन नहीं मिली है आगामी एक दो दिनों में उनके खातों में पेंशन का पैसा आ जाएगा। वर्ष 2013-14 में हरियाणा में 1000 रुपये पेंशन मिलती थी जिसे 2014-15 में 1200 रुपये, 2015-16 में 1400 रुपये, 2016-17 में 1600 रुपये, 2017-18 में 1800 रुपये, 2018-19 में 2000 रुपये, 2019-20 में 2250 रुपये और 2020-21 में 2500 रुपये किया गया। हरियाणा में वर्तमान में बुजुर्गों को 2500 रुपए पेंशन दी जा रही है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। हरियाणा की अपेक्षा कांग्रेस शासित पंजाब में बुजुर्गों को केवल 1500 रुपए पेंशन मिलती है। दिल्ली में बुजुर्गों को करीब 2000 रुपये बतौर पेंशन मिलते हैं। वहीं राजस्थान में यह पेंशन 750 से 1000 रुपये तक है। प्रवक्ता ने बताया कि सीएम मनोहर लाल का कहना है कि अब प्रदेश में 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर वृद्धावस्था पेंशन खुद ब खुद लग जाएगी। जिन लोगों के पास जन्मतिथि का कोई साक्ष्य नहीं है, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित किया जाएगा। इसके लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली पर सरकार जल्द विचार करेगी।
अपने आस-पास की खबरे देखने के लिए हमारा youtube चैनल Subscribe करेSubscribe करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://www.youtube.com/bhiwanihulchal