हाथों में कटोरा लेकर सडक़ों पर उतरे एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के लिए मांगी भीख

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भिवानी:

नियमितीकरण, 7वां वेतन आयोग, वेतन विंगति दूर करने, मैडिकल लीव, कैशलेस बीमा, ईएल/सीएल, पुरानी तबादला नीति को लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारी सांझा मोर्चा हरियाणा के बनैर तले स्थानीय लघु सचिवालय के बाहर जारी एनएचएम कर्मचारियों का धरना मंगलवार को 19वें दिन भी जारी रहा। लेकिन सरकार एनएचएम कर्मचारियों की मांग मानने की बजाए सरकार के खजाने खाली होने की बात कह रही है।

सरकार के इसी ब्यान से गुस्साएं एनएचएम कर्मचारियों ने मंगलवार को शहर में प्रदर्शन कर सरकार के खजाने भरने के लिए भीख मांगी। एनएचएम कर्मचारियों का प्रदर्शन स्थानीय लघु सचिवालय से शुरू हुआ तथा नागरिक अस्पताल होते हुए वापिस धरना स्थल पर ही संपन्न हुआ। इस दौरान एनएचएम कर्मचारियों ने हाथों में कटोरे लेकर राहगीरों से सरकार के खजाने भरने के लिए भीख मांगी। प्रदर्शन के दौरान एनएचएम कर्मचारियों ने लघु सचिवालय पहुंचकर अधिवक्ताओं से भी सरकार का खजाना भरने के लिए भीख मांगी।


इस मौके पर एनएचएम कर्मचारी विजेंद्र सिवानी, प्रवेण बामला व नीलम ने कहा कि सरकार कहती है कि एनएचएम कर्मचारियों को देने के लिए सरकार के पास कुछ भी नहीं है। ऐसे में एनएचएम कर्मचारियों ने सडक़ों पर उतरकर सरकार के लिए भीख मांगी है, ताकि सरकार के खजाने भरकर एनएचएम कर्मचारियों की मांगें पूरी करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार उन्हे वार्ता के लिए तो बुला लेती है, लेकिन उनकी मांग मानने की बजाए सिर्फ आश्वासन देकर उन्हे टरका देती है। उन्होंने कहा कि सरकार की वायदाखिलाफी के चलते कोरोना योद्धा भीख मांगने को मजबूर है, ताकि भीख से एकत्रित हुए रूपये सरकार के खजाने में जमा करवाया जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है कि एनएचएम कर्मचारियों को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है तो वे सरकार से यह पूछना चाहते है कि वह कमेटी कहा है तथा उसने अब तक क्या निर्णय लिए है। उन्होंने कहा कि जब तब उस कमेटी का निर्णय आएगा, तब तक चुनाव संपन्न हो चुके होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों को बरगलाने का प्रयास कर रही है।
एनएचएम कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश के लोगों का स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाले एनएचएम कर्मचारियों को सरकार राजनीतिक होने की बात कहते है तो वे सरकार को बता देना चाहते है कि यदि वे राजनीतिक लोग होते तो वे भी रोड़ पर बैठकर अपने हक मांगने की बजाए पक्की कुर्सी पर बैठे होते। उन्होंने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए कि जनता की सेवा करने वाले एनएचएम कर्मचारियों को उनके हक देने की बजाए उनका अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि वे पिछले 27 वर्षो से सरकार में अपनी सेेवाएं दे रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी अपने हकों के लिए सडक़ों पर है तो यह सरकार की नाकामी है। एनएचएम कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे, इसके लिए चाहे उन्हे कितने ही दिन धरने पर क्यो ना बैठा रहना पड़े। इस अवसर पर सुनीता, अनिला, नीलम, शर्मिला, मंजीता, विमल कैरू, मोहित, प्रियव्रत सहित अन्य एनएचएम कर्मचारी मौजूद रहे।

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