हरियाणा में वाहनों के VIP नंबरों की पॉलिसी में बदलाव कर दिया गया है। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब गाड़ी खरीदने के 90 दिन पहले ही वीआईपी नंबर ले सकते हैं। सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले 001 नंबर का वेस प्राइज विभाग ने 5 लाख रुपये तय किया है।
संशोधित पॉलिसी के तहत अब हरियाणा के सरकारी वाहनों पर सरकार लिखा होगा। वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों के बीच में जीवी (GV) लिखा रहेगा। इससे सरकारी वाहनों की पहचान आसानी से की जा सकेगी। कुछ विभागों में नई सीरीज की नंबर प्लेट लगाने का काम राज्य में शुरू कर दिया गया है। दूसरे विभाग में भी जल्द ही इस काम को पूरा करेंगे।
निजी वाहनों के VIP नंबरों के लिए अलग से वेस प्राइज तय किए गए हैं। 0001 नंबर के लिए निजी वाहनों का वेस प्राइज 5 लाख रुपए रखा गया है जबकि परिवहन वाहनों के लिए वेस प्राइज एक लाख रुपए रखा गया है। 0002, 0007, 0009 का वेस प्राइज निजी वाहनों के लिए 1.5 लाख फिक्स किया गया है। 0012 से 0098 और अन्य वीआईपी नंबरों का आरक्षित मूल्य 50 हजार रखा गया है।
हरियाणा में पहले हर सीरीज में 1 से 100 नंबर तक सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित थे। आम लोग इन नंबरों के लिए सोच भी नहीं सकते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए इन नंबरों को आम लोगों के लिए भी खोल दिया है। हालांकि इसके लिए लोगों को जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।
इस साल की शुरुआत में CM मनोहर लाल इस मामले में बड़ी पहल कर चुके हैं। CM ने आदेश जारी किए थे कि अब VIP नंबरों पर अब नेताओं और अफसरों का अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने खुद अपने काफिले में शामिल सरकारी वाहनों से 0001 नंबर हटा दिया था। इसके बाद मुख्य सचिव (CS) संजीव कौशल ने भी यह पहल की थी।
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