प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM विश्वकर्मा योजना) का उद्देश्य हस्तशिल्प, हस्तशिल्प और गैर-कृषि क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों की मदद करना है, ताकि वे अपने काम को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर सकें। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में लॉन्च किया था।
योजना का उद्देश्य:
1. हस्तशिल्प कारीगरों को मदद: यह योजना उन कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है जो पारंपरिक शिल्प, निर्माण और कला में निपुण हैं।
2. आधुनिक उपकरणों का वितरण: कारीगरों को आधुनिक उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान करना, ताकि उनके काम में सुधार हो सके और वे अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
3. वित्तीय सहायता: योजना के तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता मिलती है ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें और रोजगार सृजन में योगदान दे सकें।
योजना के तहत लाभ:
1. आधुनिक उपकरणों से सहायता: कारीगरों को प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों से सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपने उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ा सकें और उत्पादकता में सुधार कर सकें।
2. वित्तीय सहायता: कारीगरों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें और अपनी कार्यशैली में सुधार कर सकें।
3. प्रशिक्षण और मार्गदर्शन: योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे अपनी कला और शिल्प को और उन्नत कर सकें।
4. राष्ट्रीय पहचान: इस योजना के तहत कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को पहचान दिलाने का अवसर मिलेगा।
पात्रता:
कर्मचारी: इस योजना का लाभ हस्तशिल्प कारीगरों, शिल्पकारों और हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े व्यक्तियों को मिलेगा।
संगठन और संस्थाएँ: इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और कला संस्थाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया:
1. ऑनलाइन पंजीकरण: इच्छुक कारीगर और शिल्पकार ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं, ताकि उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके।
2. आवश्यक दस्तावेज: कारीगरों को आवेदन के दौरान अपनी पहचान, व्यवसाय प्रमाण और आधिकारिक दस्तावेज जमा करने होंगे।
3. सरकारी पोर्टल: आवेदन प्रक्रिया सरकारी पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा सकती है।