केंद्र सरकार ने हाल ही में देशभर में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना लागू की थी, लेकिन देशभर में इसका विरोध होने लगा, जिसे देखते हुए अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि सबसे पहले सरकारी दफ्तरों में ये मीटर लगाए जाएंगे। इसी कड़ी में हरियाणा में भी सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इस संबंध में बिजली विभाग की ओर से योजना तैयार की जा रही है।
30 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का था लक्ष्य
शुक्रवार को इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बिजली विभाग की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान प्रदेश में प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर भी चर्चा हुई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में 30 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन लोगों के विरोध के चलते यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया।
हरियाणा में शुरू हुआ विरोध
शुरुआत में अकेले पानीपत, पंचकूला, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 10 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा बजट राशि भी जारी की गई। प्रीपेड मीटर पर बिजली दरों में पांच प्रतिशत की कमी करने के निर्णय के क्रियान्वयन के बावजूद हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश में इसका विरोध शुरू हो गया। इसके मद्देनजर यह परियोजना अधर में लटक गई।
आज चंडीगढ़ में हरियाणा के माननीय ऊर्जा मंत्री श्री @anilvijminister के साथ राज्य की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) की व्यापक समीक्षा की। बिजली कंपनियां सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होंगी अब यह निर्णय लिया गया है कि वाणिज्यिक, औद्योगिक संस्थानों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में भी सस्ती दरों पर प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
जब आम उपभोक्ताओं को इनके लाभों के बारे में जानकारी मिलेगी तो वे स्वयं इनकी मांग करेंगे। बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए राज्य की जो कंपनियां ए प्लस ग्रेड में हैं।
उन्हें सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध किया जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में राज्य में बिजली विभाग में लाइन लॉस 34% से घटकर 11% हो गया। बिजली कंपनियां घाटे से भी उबर चुकी हैं और अब ए प्लस श्रेणी में हैं।