हरियाणा में BJP सरकार से खेल की तैयारी:गवर्नर को सौंपे अल्पमत के दावे के समर्थन में 45 विधायकों के नाम

167
SHARE

चंडीगढ़।

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दल नायब सिंह सैनी की सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक और चीफ व्हिप भारत भूषण बतरा ने भी दावा किया है कि भाजपा सरकार के अल्पमत होने के लिए विपक्षी दलों के 45 विधायकों के लेटर गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय तक पहुंच चुके हैं।

गवर्नर को भेजे गए लेटर में दावा किया गया है कि कांग्रेस के 30, जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10, निर्दलीय 3, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के एक और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं।

हालांकि, यह अलग बात है कि जेजेपी के 4 विधायक खुले तौर पर जेजेपी से बगावत कर चुके हैं, लेकिन जेजेपी की तरफ से दुष्यंत चौटाला ने गवर्नर को लेटर लिखा है। 3 निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में ऐलान के बाद हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक बचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बीच में हरियाणा में राजनीतिक विश्लेषक और कानूनविद हेमंत का कहना है कि विधानसभा में भाजपा के पास संवैधानिक रूप से प्राथमिक तौर पर 39 ही विधायक हैं।

उन्होंने बताया कि नायब सैनी सरकार के पक्ष में (अगर विश्वास प्रस्ताव हो) और विरोध में (अगर अविश्वास प्रस्ताव हो) तो 40 में से 39 MLA की वोट कर सकेंगे। इसके पीछे की वजह यह है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 189 (1) के अनुसार विधानसभा स्पीकर केवल सदन में किसी प्रस्ताव पर मत बराबर होने की परिस्थिति में ही अपना निर्णायक मत (कास्टिंग वोट) दे सकते हैं। हरियाणा में भाजपा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता विधानसभा में स्पीकर की जिम्मेदारी देख रहे हैं।

हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग 15 मई को सुबह 11 बजे बुलाई गई है। सरकार के इस फैसले को लेकर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उस बैठक में हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र को बुलाने के बारे प्रदेश के राज्यपाल से सिफारिश को लेकर चर्चा की जाएगी, जिसमें संभवत: प्रदेश की 2 महीने पुरानी नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विधानसभा में दूसरी बार अपना बहुमत साबित करने के लिए सदन में विश्वास प्रस्ताव (ट्रस्ट वोट) ला सकती है।

हालांकि, हरियाणा विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 3 के अनुसार तीन हफ्ते अर्थात 21 दिनों के अंतराल के बाद की तारीख से ही राज्यपाल द्वारा विधानसभा सदन आहूत (बुलाया ) जाता है, हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में उससे पहले भी ऐसा संभव है।

अपने आस-पास की खबरे देखने के लिए हमारा youtube चैनल Subscribe करे ubscribe करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://www.youtube.com/bhiwanihulchal