जींद। स्टेट विजिलेंस टीम ने हैवी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की एवज में रोडवेज नाजर ब्रांच के क्लर्क को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया है। स्टेट विजिलेंस ने क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। गांव खरैंटी निवासी संजय ने स्टेट विजीलेंस को दी शिकायत में बताया कि उसने रोडवेज द्वारा संचालित किए जा रहे ड्राइविंग स्कूल में हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग ली है। जिसकी समयाविधि पूरी हो चुकी है। लाइसेंस जारी करने की एवज में रोडवेज का नाजर ब्रांच क्लर्क श्रीभगवान दस हजार रुपये की डिमांड कर रहा है। शिकायत के आधार पर छापामार टीम का गठन किया गया। जिसमें डयूटी मजिस्टेट के तौर पर तहसीलदार अजय सैनी को नियुक्त किया गया। विजिलेंस टीम में निरीक्षक कमलजीत, सब इंस्पेक्टर बलजीत, अनिल कुमार, एएसआई कमलजीत तथा बलजीत भी शामिल हुए। छापामार टीम ने शिकातकर्ता संजय को 500-500 के 20 नोट ड्यूटी मजिस्टेट से हस्ताक्षर करवा तथा पाउडर लगाकर दे दिए। संपर्क साधने पर क्लर्क श्रीभगवान ने संजय को रोडवेज नाजर ब्रांच में बुला लिया और राशि को लेकर जेब में रख लिया। इशारा मिलते ही विजिलेंस टीम ने क्लर्क श्रीभगवान को काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसकी शर्ट की जेब से दस हजार रुपये की रिश्वत राशि बरामद हो गई। धुलवाने पर उसके हाथों का रंग भी लाल हो गया। विजिलेंस ने संजय की शिकायत पर श्रीभगवान के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी। स्टेट विजिलेंस के निरीक्षक कमलजीत ने बताया कि शिकायत के आधार पर डयूटी मजिस्टेट के साथ छापेमारी की गई थी। रोडवेज नाजर ब्रांच का क्लर्क दस हजार रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथो पकडा गया है। आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी।
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