ग्रामीणों के पानी बिल के 372 करोड़ रुपए होंगे माफ

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चंडीगढ़।

हरियाणा सरकार ग्रामीण क्षेत्र में पानी के बिलों की राशि माफ करने की तैयारी में है। प्रदेश में 28.87 लाख घरों का 372 करोड़ रुपए के पानी का बिल बकाया है। CM मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में सरकार के इस फैसले को मुहर लगेगी।

जानकारी अनुसार इसको लेकर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था। सीएम मनोहर लाल ने इस पर विचार के बाद इसे कैबिनेट मीटिंग में रखने की मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में गांवों में संस्थागत, व्यवसायिक और औद्योगिक उद्देश्यों को छोड़कर सामान्य श्रेणी के साथ अनुसूचित जाति से संबंधित सभी पेयजल उपभोक्ताओं की 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2022 तक बकाया राशि 336.356 करोड़ रुपए माफ करना शामिल है। साथ में इस पानी बिलों पर लगा 35.78 करोड़ रुपए का सरचार्ज, ब्याज माफ किया जाएगा। वित्त विभाग भी 16 नवंबर को इस प्रस्ताव को सहमति दे चुका है।

TI को मिलेगी चालान की पावर

इसके साथ ही कैबिनेट मीटिंग में ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर (TI) के अधिकारों को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें टीआई को चालान करने के अधिकार दिए जाएंगे। सरकार यह फैसला इसलिए कर रही है क्योंकि ट्रांसपोर्ट विभाग में कर्मचारियों की काफी कमी है।

कैबिनेट मीटिंग में कई विभागों के कर्मचारियों के सेवा नियमों में बदलाव का भी प्रस्ताव रखा जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्य आवंटन नियम-1974 में बदलाव हो सकता है। इसी तरह हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग ग्रुप सी सेवा नियम और वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा कार्यकारी के सेवा नियम में संशोधन किया जा सकता है।

हरियाणा पुलिस भर्ती के नियमों में संशोधन के प्रस्ताव पर फिर पेंच फंस गया है। सरकार भर्ती के नियमों में तीसरी बार बदलाव कर रही है। किन्हीं कारणों से संशोधन का प्रारूप अभी तय नहीं हो पाया है। ऐसे में पुलिस भर्ती नियमों में बदलाव का प्रस्ताव कैबिनेट मीटिंग में आने के कम ही आसार दिख रहे हैं। इस कारण से हरियाणा में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा 6000 महिला और पुरुष कॉन्स्टेबल की भर्ती में देरी होना तय है।

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में देरी के कारण पेश नहीं हुए हरियाणा मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स) संशोधन विधेयक 2023 और रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन आफ द ट्रैवल एजेंसीज एक्ट पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। गृह विभाग की ओर से मंत्रिमंडल की बैठक में तीनों विधेयकों के प्रस्ताव को रखे जाने का प्रस्ताव दिया गया है।

तीनों विधेयक गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के महकमे से संबंधित हैं। लिहाजा विज ने विभागीय अफसरों को पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में रखने के आदेश दिए हैं। नियमानुसार कैबिनेट से पास होने के बाद विधेयक को राज्यपाल फिर राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। जहां वह 6 महीने के लिए अध्यादेश के रूप में मान्य हो जाता है, लेकिन उसे तय समयावधि में विधानसभा में पास करवाना भी जरूरी होता है।

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